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झारखंड चुनावी चौपाल : युवाओं ने पूछा - कब तक करेंगे ‘मंदिर-मस्जिद?

क्या मंदी, बेरोजगारी, मॉब लिंचिंग को लेकर झारखंड के युवाओं में गुस्सा है?

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वीडियो एडिटर: अभिषेक शर्मा

झारखंड चुनाव में क्या बीजेपी वापसी करेगी? क्या झारखंड में राम मंदिर पर कोर्ट के आए फैसले का असर पड़ेगा? क्या मंदी, बेरोजगारी, मॉब लिंचिंग को लेकर झारखंड के युवाओं में गुस्सा है? यही जानने के लिए झारखंड की राजधानी रांची के मशहूर मोराबादी मैदान में क्विंट ने अपनी चुनावी चौपाल लगाई.

"विकास, शिक्षा, हॉस्पिटल, अर्थव्यवस्था में गिरावट बड़ा मुद्दा है. हमारी उम्मीदों पर खड़ी नहीं उतरी मौजूदा सरकार." ये बात रांची के रहने वाले युवा बिजनेसमैन अभिषेक गुस्से भरे लहजे में कहा.

राष्ट्रवाद, हिंदू-मुसलमान जैसा मुद्दा, विकास के मुद्दों पर पड़ेगा भारी?

पीएम मोदी ने झारखंड के डाल्टनगंज में 25 नवंबर को एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान राम की जन्मभूमि का विवाद कांग्रेस ने लटकाया था. अगर वे चाहते तो इसका समाधान बहुत पहले मिल जाता लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. उन्हें अपने वोट बैंक की परवाह थी. कांग्रेस की ऐसी सोच ने देश और समाज का नुकसान हुआ.

जब हमने रांची के युवाओं से इस चुनाव में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद के मुद्दों पर बात करनी चाही तो ज्यादातर लोगों का जवाब मंदिर-मस्जिद से अलग रोजगार था. रांची के रहने वाले विवेक का कहना था,

“किसी को भी एंटी नेशनल बताने की होड़ है. सिर्फ नारे लगाना नेशनलिज्म नहीं है. हमें मुद्दों से भटकाया जाता है. अभी तक रांची को IIM के लिए जमीन तक नहीं मिली. जॉब है नहीं, लेकिन आप लोगों को मंदिर-मस्जिद पर चर्चा करनी है.”

बता दें कि झारखंड की 81 विधानसभा सीटों पर पांच चरण में चुनाव हो रहे हैं. 23 दिसंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे. पहले चरण की वोटिंग 30 नवंबर को हुई है और अब दूसरे फेज के लिए 7 दिसंबर को वोटिंग होनी है.

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