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जेपी नड्डा: BJP के साधारण कार्यकर्ता से अध्यक्ष बनने तक का सफर

जेपी नड्डा, बने दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष  

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वीडियो एडिटर: संदीप सुमन

जगत प्रकाश नड्डा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिए गए हैं. वे अमित शाह की जगह लेंगे. मोदी सरकार में अमित शाह के गृह मंत्री बनाए जाने के 2 महीने बाद जुलाई, 2019 में जेपी नड्डा पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष चुने गए थे.

पूर्व केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा की जड़ें RSS से जुड़ी हुईं हैं. एबीवीपी से शुरूआत करते हुए नड्डा ने अपनी जमीनी पकड़ और संगठन में पैठ के साथ राष्ट्रीय राजनीति में अपनी जगह बनाई. 2010 में उनको बीजेपी में बड़ा मौका मिला जब अध्यक्ष नितिन गडकरी ने नड्डा को अपनी टीम में शामिल किया. बाद में उन्हें बीजेपी के पार्टी का सर्वोच्च निर्णय लेने वाली बॉडी- संसदीय बोर्ड का सदस्य बना दिया गया. उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि थी, 2019 चुनाव में उत्तर प्रदेश में पीछे से काम करते हुए बीजेपी की सफलता की पटकथा लिखना.

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जेपी नड्डा का राजनीतिक सफर

  • बिहार के पटना में 2 दिसंबर 1960 को जन्म.
  • पटना यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया.
  • 1977 में पटना से छात्र नेता के तौर पर की पॉलिटिकल करियर की शुरुआत.
  • पटना यूनिवर्सिटी में चुने गए थे सेक्रेटरी.
  • कानून की पढ़ाई के लिए नड्डा अपने होम स्टेट हिमाचल प्रदेश चले गए. वहीं पर वो ABVP से जुड़े. 1984 में उनके नेतृत्व में ABVP ने पहली बार HPU में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) को हराया और स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष चुने गए जेपी नड्डा तीन साल तक ABVP के जनरल सेक्रेटरी रहे.
  • उन्होंने बीजेपी की यूथ विंग-भारतीय जनता युवा मोर्चा में 1991-1994 तक गडकरी और अमित शाह के साथ काम किया.
  • 1993 में हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर से उन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव जीता.
  • कई सीनियर नेताओं की हार की वजह से नड्डा को विपक्ष का नेता बनाया गया. 1998 में वो दोबारा विधायक चुने गए और हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बनाए गए.
  • 2003 में नड्डा अपनी सीट से हार गए लेकिन 2007 में उन्होंने फिर से जीत हासिल की और वन मंत्री बनाए गए लेकिन 2010 में सीएम प्रेम कुमार धूमल से मतभेद की वजह से उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया.
  • नड्डा संगठन में वापस लौटे और बीजेपी के जनरल सेक्रेटरी बनाए गए. 2014 में नड्डा को उस समय के पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह की जगह ताजपोशी की तैयारी थी लेकिन अमित शाह ने बीजेपी की बागडोर संभाली. जल्द ही नड्डा को धूमल और उनके बेटे अनुराग ठाकुर की नाराजगी के बावजूद मोदी कैबिनेट में स्वास्थ्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया. नड्डा दो बार 2012 और 2018 में राज्यसभा सांसद चुने गए.

BJP अध्यक्ष के रूप में उनके पास बड़ी जिम्मेदारियां होंगी. उनके सामने मुख्य चुनौती होगीअमित शाह के कार्यकाल के दौर की अभूतपूर्व सफलता को बनाए रखना.

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