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साबिया को इंसाफ कब? ‘’बेटी के साथ कई लोगों ने किया गुनाह’’

पुलिस ने मृतक के पिता को बताया कि मोहम्मद निज़ामुद्दीन नाम के एक व्यक्ति ने आपकी बेटी की हत्या की थी

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दिल्ली के संगम विहार में साबिया सैफी (बदला हुआ नाम) के घर में एक भयानक सन्नाटा छाया हुआ है. परिवार अपने फ्लैट के अंदर बैठा था, दरवाजे मजबूती से बंद थे - पड़ोसियों, कार्यकर्ताओं और अन्य हितधारकों से दूर, जो घर के ठीक बाहर विरोध में बैठे थे.

21 वर्षीय सिविल डिफेंस कर्मचारी का 26 अगस्त को हरियाणा के फरीदाबाद में कथित तौर पर अपहरण, बलात्कार और बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. जहां एक व्यक्ति ने कथित हत्या की बात कबूल कर ली थी और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था, परिवार का कहना है कि इसमें जो दिखता है, उससे कहीं अधिक है.

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साबिया खान की हत्या की रात क्या हुआ था?

साबिया के पिता ने द क्विंट को बताया, "मेरी बेटी 26 अगस्त को सुबह 11 बजे घर से निकली थी. वो हर दिन शाम 7 बजे लौटती थी. लेकिन उस दिन वह घर नहीं आई. मैं उसे खोजने गया. रात 11 बजे, मैं डीएम कार्यालय (में) गया. (लाजपत नगर) जहां वो काम करती थी."

उसके माता-पिता का कहना है कि उन्होंने पूरी रात खान के कार्यस्थल से उसकी तलाश में उसके दोस्तों के घर जाने में बिताई. लेकिन सुबह के बाद, उन्हें सूरजकुंड थाने में बुलाया गया. यहीं पर उन्हें पता चला कि उनकी बेटी की कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी.

साबिया के पिता ने बताया कि, सूरजकुंड थाने में पुलिस वालों ने मुझे एक तरफ बिठाया और पूछा कि क्या आपकी पत्नी बीमार है. मैंने बताया कि उन्हें हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है. फिर, उन्होंने मेरी पत्नी को दूसरी तरफ बैठा दिया. वे मुझे एक तरफ ले गए और कहा कि मेरी बेटी की हत्या कर दी गई है और मैं अपनी पत्नी को यह नहीं बता सका.

साबिया के पिता ने बताया "पुलिस ने मुझे बताया कि मोहम्मद निजामुद्दीन नाम के एक व्यक्ति ने हत्या की थी और उसने कालिंदी कुंज पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण कर दिया था. फिर पुलिस ने जो कुछ भी लिखना चाहा वह लिखा. लगभग 2 बजे, वे हमें विजय अस्पताल ले गए (फरीदाबाद) हम आधे घंटे तक इंतजार कर रहे थे. फिर, डॉक्टर आया और 25-30 मिनट में पोस्टमॉर्टम किया गया. मैंने पुलिस से कहा कि मेरे यहां कोई नहीं है और मैं उसके शव को अपने गांव ले जाना चाहता हूं. उन्होंने मुझे अपनी स्वीकृति दी."

हरियाणा पुलिस का दावा है कि निजामुद्दीन ने उन्हें बताया कि साबिया और उसकी शादी इस साल की शुरुआत में साकेत कोर्ट में हुई थी. हालांकि, परिवार का कहना है कि वे "इस पर विश्वास नहीं करते" और इसकी पुष्टि के लिए विवाह प्रमाणपत्र की मांग कर रहे हैं.

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मामला दिल्ली पुलिस को ट्रांसफर किया जाए

सबिया के पिता ने मांग की है कि मामला दिल्ली पुलिस को ट्रांसफर किया जाए. उन्होंने कहा "हम बूढ़े और गरीब हैं. मैं हर दिन फरीदाबाद नहीं जा सकता. मैं चाहता हूं कि मामला दिल्ली में ट्रांसफर हो जाए. मैं अपनी बेटी के लिए न्याय चाहता हूं. मैं हाथ जोड़कर पूछ रहा हूं. कृपया उन सभी को सजा दी जाए जिन्होंने मेरी बेटी के साथ ऐसा किया हैं.

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