सोशल मीडिया, विशेष रूप से टिकटॉक और अब इंस्टाग्राम रील्स को अनोखे स्टार तैयार करने के लिए जाना जाता है. इसी फेहरिश्त में सबसे हालिया उदाहरण गाना 'कच्चा बादाम' (Kacha Badam) है और इस वायरल गाने, जिसे लाखों व्यूज और कई रीमिक्स मिल चुके हैं, के द्वारा सोशल मीडिया ने हमें एक और स्टार दिया है.
मिलिए पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के मूंगफली विक्रेता भुबन बड्याकर से, जिन्होंने मूंगफली बेचने के लिए मार्केटिंग तकनीक के रूप में इस गाने को पेश किया.
वायरल इंटरनेट सॉन्ग का निर्माण
रोजमर्रा की जिंदगी से प्रेरणा लेते हुए, बड्याकर के गाने 'कच्चा बादाम' में ऐसेही कुछ भी नहीं बोला जा रहा होता है, उनका मतलब भी है. उनके गाने के बोल बताते हैं कि वह भुनी मूंगफली नहीं कच्ची मूंगफली बेचते हैं और आप उसे मूंगफली की कीमत नकद या वस्तु के रूप में दे सकते हैं. उनके गाने के रीलों पर राज करने से पहले ही, यह उनके जिले में काफी प्रसिद्ध था जहां वो मूंगफली बेचते हैं . लोग अक्सर उसे गाते हुए रिकॉर्ड करते थे. लेकिन उन्हें नहीं पता कि गाना किसने पोस्ट किया और कैसे वायरल हो गया.
"लेकिन मैं उनका आभारी हूं"
उनका गाना इतना वायरल हो गया कि नौजवानों ने अपने खुद का रीमिक्स बनाना शुरू कर दिया, और अब आपकी उंगलियों पर गिनने की तुलना में अधिक वर्जन हैं. हालांकि, रीमिक्सिंग की प्रक्रिया में क्रेडिट कहीं खो गया था. बड्याकर को शुरू में अपने गाने के लिए कोई क्रेडिट या पेमेंट नहीं मिला. हालांकि, एक महीने बाद ही वह खुद इंटरनेट सेंसेशन बन गए.
लोगों से मिले प्यार से मैं बहुत खुश हूं. मेरा परिवार, गांव के लोग बहुत खुश हैं. वे कहते हैं कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं. मैं कहता हूं कि यह सब भगवान की कृपा से है. मुझे हर तरफ से प्यार और पहचान मिली है.भुबन बड्याकरी
उन्हें पूरे बंगाल से अब और अधिक बार कार्यक्रम मिल रहे हैं और यहां तक कि सत्ताधारी पार्टी - तृणमूल कांग्रेस के चुनाव अभियानों के लिए गाने भी गए रहे हैं.
प्रसिद्धि से पेट नहीं भरता
दुर्भाग्य से, बड़ी भीड़ और लाखों विचार उसके बिलों का भुगतान करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं, जिसके साथ वह अभी भी संघर्ष करते हैं. वो अपने 'कच्चा' घर से बाहर निकलने और एक सही घर में बसने की कोशिश कर रहे हैं. इससे भी बढ़कर, अपने और अपने परिवार के लिए एक बेहतर जीवन बनाना चाहते हैं.
मैं अब मूंगफली नहीं बेचना चाहता. मेरी एक पत्नी, दो बेटे और दो बहुएं हैं. मेरी हालत बहुत खराब है और मेरा घर भी.भुबन बड्याकरी
वो अभी भी घर बनाने के लिए पैसे बचा रहे हैं, क्योंकि लॉकडाउन ने उनकी बचत को खत्म कर दिया था. 'सोशल मीडिया सेंसेशन' अभी भी मदद मांग रहे हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)