वीडियो एडिटर: आशीष मैक्यून
भारत की पहली महिला IAF पायलट गुंजन सक्सेना के जीवन पर आधारित फिल्म 'गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल' रिलीज हो रही है. इस फिल्म में गुंजन के पिता अशोक कुमार सक्सेना की भूमिका पंकज त्रिपाठी ने निभाई है. गुंजन की भूमिका में जाह्नवी कपूर हैं.
गुंजन सक्सेना ने जब सुना कि उनकी कहानी पर्दे पर दिखाई जाएगी तो उनकी प्रतिक्रिया कुछ इस तरह थी.
मैं इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं थी कि कोई मेरे जीवन पर फिल्म क्यों बनाना चाहेगा. आपने अपना जीवन जिया है, इसलिए आपको ये रोमांचक नहीं लगता. ये तभी रोमांचक होता है जब कोई और इसे देखता है.गुंजन सक्सेना
गुंजन सक्सेना पहली महिला IAF पायलट थी. उन्होंने फ्लाइट लेफ्टिनेंट श्रीविद्या राजन के साथ 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान घायल सैनिकों को बचाया था. उनके पिता, लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) ए सक्सेना और भाई ने भारतीय सेना में सेवाएं दीं और गुंजन ने भी उन्हीं का अनुसरण किया.
गुंजन ने SSB परीक्षा पास करने से पहले दिल्ली के हंसराज कॉलेज से फिजिक्स में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. उन्होंने 1994 से 2004 तक भारतीय वायु सेना में सेवाएं दीं. गुंजन उधमपुर में तैनात थीं
उनके ग्रुप में अधिकतर पुरुष अफसर ही थे. उन्हें काफी भेदभाव का सामना करना पड़ा था.
गुंजन 25 साल की थीं जब उन्हें 'ऑपरेशन विजय' के लिए चुना गया. 'ऑपरेशन विजय' में 900 सैनिकों को बचाया गया और शहीद सैनिकों के शव भी वापस लाए गए. गुंजन सक्सेना ने एचएएल चीता से उड़ान भरी थी. उन्होंने घायल सैनिकों को निकालने में मदद की और द्रास और बटालिक जैसे क्षेत्रों में सामानों की आपूर्ति की.
दुश्मन के मिसाइल से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त होने पर गुंजन बाल-बाल बचीं थीं. वो हेलिपैड पर उतरीं और घायल सैनिकों को उनकी चॉपर में ले जाने का इंतजार करने लगी और उन्हें उन्हें सफलतापूर्वक बचाया भी.
मुझे लगता है कि हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में ये सबसे अच्छी अनुभूति है, जिसे आप महसूस करते हैं. हमारे मुख्य कामों में से एक था - आकस्मिक निकासी. मैं कहूंगी कि जब आप एक जीवन को बचाते हैं तो ये बहुत संतोषजनक एहसास होता है क्योंकि आप इसी काम के लिए वहां हैं.गुंजन सक्सेना
गुंजन को शौर्य वीर पुरस्कार से सम्मानित किया गया.सात साल की सेवा के बाद 2004 में, हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में उनका कार्यकाल खत्म हो गया.
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