वीडियो एडिटर: वीरू कृष्ण मोहन
“आप यहां पर नहीं रह सकते हैं. आप दूसरा (घर) देख लीजिएगा. अभी राशिद जी का फोन आया था. आप बात कर लीजिए. कश्मीरी लोगों का कुछ मसला हुआ था. इसलिए उन्होंने मना किया है.” यही वो शब्द थे जो 5 सितंबर को श्रीनगर से मुंबई लौटने पर आदिल गुरेज ने सुने.
इंस्टाग्राम पर वेरिफाइड अकाउंट, यूट्यूब पर 153 हजार सब्सक्राइबर्स और एक गाने पर 10 मिलियन से ज्यादा व्यूज, आदिल गुरेजी को घर दिलाने के लिए काफी नहीं था. अगर उनके जैसे शख्स को इस तरह के संघर्ष से गुजरना पड़ता है तो अन्य कश्मीरियों के हालात की सिर्फ कल्पना ही की जा सकती है.
हम कोई आतंकवादी तो नहीं हैं. कुछ गलत तो नहीं किया है कि वो बोल रहा है कि यहां नहीं रह सकते. मैं तो उसके खिलाफ केस भी कर सकता हूं, मैंने पैसे दिए हैं. किसी और के नाम पर उसने कैसे एग्रीमेंट कर दिया. मैं इस वक्त कहां जाऊंगा? इस वक्त मेरे पास पैसे नहीं हैं.आदिल गुरेजी, कश्मीरी गायक
कश्मीरी गायक आदिल गुरेजी पिछले दो सालों से मुंबई में रह रहे हैं. आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद उन्हें उनके घर से निकाल दिया गया.
मैं एक महीने बाद आया. मुझे कुछ पता नहीं चला. घर जाने से पहले मैंने सब कुछ फाइनल किया था. उन्होंने मुझसे बोला “आदिल भाई सॉरी, आप हमारे साथ नहीं रह सकते” मैंने पूछा क्यों? उन्होंने कहा कि हमारे मकान मालिक राशिद जी और दिनेश जी किसी कश्मीरी को रखना नहीं चाहते.आदिल गुरेजी, कश्मीरी गायक
सोशल मीडिया और अन्य जगह खबर आने के बाद पुलिस ने आदिल गुरेजी से संपर्क किया. पुलिस ने उन्हें आश्वासन दिया कि इस तरह का कुछ भी नहीं होगा और उन्होंने ब्रोकर से भी कहा कि ये गलत है.
मुंबई के डीसीपी और टीम का बहुत शुक्रगुजार हूं. उन्होंने ब्रोकर को बोला कि जाने-माने आर्टिस्ट हैं तो आप ऐसे कैसे कर सकते हो? आर्टिस्ट नहीं भी होते तो ये कश्मीरी थे. ये हमारे हैं, हमें इनका सपोर्ट करना चाहिए. पुलिस ने उनके साथ बात भी की. उन्होंने अंतिम दिन कोई कॉल नहीं किया. जब उनको लगा कि मीडिया में बात आ रही है, तब रात को 8:30 बजे कॉल किया कि कल आप आ जाना. हमारे साथ रह सकते हो. आप एनओसी बनवाना, अपना फोटो देना और आराम से रहना.आदिल गुरेजी, कश्मीरी गायक
आदिल का सवाल है, "कश्मीरी होने के नाते पैसा होने के बावजूद हम अपने नाम पर एग्रीमेंट क्यों नहीं करा सकते हैं? हमें अपने दोस्त को साथ रखना पड़ता है और उनके नाम पर एग्रीमेंट बनवाना पड़ता है. ये बहुत दुखद है लेकिन सच्चाई है. अगर आपके पास अपना पैसा है तो क्या जरूरत है किसी के साथ शेयरिंग में रहने की. हमारे साथ ये चीज क्यों हो रही हैं. आप बोलते हैं कि आप हमारे अपने हो मैं तो आपका हूं, फिर भी हकीकत आपके सामने है. अगर आप मेरी जगह होते, आप कश्मीर में होते और ऐसी स्थिति में होते, फोन नहीं लग रहा, आपके पास उतने पैसे नहीं हैं, आपको कोई रूम नहीं दे रहा है मेरा आपसे सवाल है आप क्या करते उस वक्त?”
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