वीडियो एडिटर: वरुण शर्मा
कैमरापर्सन: ऐश्वर्या एस अय्यर
कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ हुए निर्मम बलात्कार-हत्याकांड को बीते 1 साल हो गया है. उस बच्ची की दोनों मां श्रीनगर से वापस जम्मू के कठुआ और सांबा जिलों में अपने-अपने घरों में वापस आ गई हैं, लेकिन अब उनके घरों में पहले जैसा कुछ नहीं रहा.
मां नीमत* जिन्होंने उस 8 साल की बच्ची को गोद लिया था, उसे याद करती हैं. द क्विंट से बातचीत के दौरान नीमत* ने अपनी बच्ची को जिस तरफ आखिरी बार जाते देखा था उस ओर इशारा करते हुए बताती हैं, “वो इस तरफ से घोड़ों को लाने के लिए गई, उसके बाद कभी वापस नहीं आई.”
नीमत* ने आठ साल की उस मासूम को अपनी ननद रफीजा* से गोद लिया था, जब वो सिर्फ एक साल की थी. वो बच्ची 10 जनवरी 2017 को कठुआ में अपने घर में नीमत* के साथ थी जब उसका अपहरण कर लिया गया था. पुलिस की चार्जशीट में कहा गया है कि उसे नशे की गोलियां देकर, उसके साथ बार-बार बलात्कार किया गया. उसे एक 'देवस्थान' में बंदी बनाकर रखा गया था और 1 सप्ताह बाद मौत के घाट उतार दिया गया.
17 जनवरी को उसकी लाश रसाना के जंगल से बरामद हुई थी. फिलहाल, ये केस पठानकोट कोर्ट में चल रहा है.
नीमत* बताती हैं कि दो बेटों को खोने के बाद वो और उनके पति युनूस* एक बेटी चाहते थे इसलिए युनूस ने अपनी बहन रफीजा से उस मासूम को गोद लेने के बारे में पूछा. शुरुआत में मना करने के बाद रफीजा मान गईं और इस तरह उस पीड़ित बच्ची को 2-2 मां मिली.
उस बच्ची को जन्म देने वाली रफीजा* बताती हैं कि हर साल वो अपनी बेटी से मिला करती थीं. गर्मियों के मौसम में जब ये गुज्जर-बकरवाल परिवार (खानाबदोश मुस्लिम जनजाति) अपने मवेशियों को लेकर कश्मीर जाया करता था, तब वो उस बच्ची के साथ काफी समय बिताया करती थीं.
कठुआ रेप केस के 1 साल बाद, ऐसी ही कई यादों के साए में आज भी दोनों मांएं अपनी बच्ची के साथ हुए बर्बरता पर सवाल उठा रही हैं और जवाब ढूंढ रही हैं. वीडियो में देखिए ग्राउंड रिपोर्ट.
(* बदला हुआ नाम)
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