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दुर्गा महाअष्टमी: मुस्लिम बच्ची का किया पूजन, कायम की मिसाल  

पश्चिम बंगाल में साम्प्रदायिक सौहार्द का सुंदर नजारा

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वीडियो प्रोड्यूसर: सोहिनी बोस

वीडियो एडिटर: अभिषेक शर्मा

कोलकाता में साम्प्रदायिक सौहार्द का सुंदर नजारा रविवार को देखने को मिला. बागुईहाटी के एक दुर्गा पूजा पंडाल में परिवार ने महाअष्टमी पर कुमारी पूजन के दौरान चार साल की मुस्लिम बच्ची की पूजा की.

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सरकारी कर्मचारी तमाल दत्त का परिवार 2013 से ही अपने घर में कन्या पूजन करता आ रहा है. इस साल उन्होंने दकियानूसी ढर्रे को तोड़ते हुए साम्प्रदायकि सौहार्द के लिए कुछ करने की सोची.

तमाल दत्त ने बताया कि जातिगत और धार्मिक बाध्यताओं से परे इंसान को इंसान समझा जाए, ऐसा संदेश वो देना चाहते हैं.

महा अष्टमी के दिन कुमारी कन्याओं को देवी दुर्गा का स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है.

“मैं दुर्गा पूजा का करता हूं और अगर मैं हिंदुओं, मुसलमानों और ईसाइयों के बीच भेदभाव रखूं तो पूजा अधूरी रहेगी. पूजा पूरी होगी जब हर इंसान को इंसान समझा जाए. सभी महिलाएं और लड़कियां मां दुर्गा का अवतार हैं.”
तमाल दत्ता, सरकारी कर्मचारी
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वहीं पूजी गई बच्ची फातिमा के चाचा मोहम्मद अहमद ने बताया,

“जब उन्होंने (तमाल दत्ता) पूजा के बारे में मुझसे बात की तो मैं तैयार हो गया. मेरा मानना ​​है कि हमें बड़े पैमाने पर इसमें भाग लेना चाहिए. ये समाज में एकता का मजबूत संदेश देगा. ये संदेश देगा कि बंगाल में हिंदू, मुस्लिम, सिखऔर ईसाई एकता के साथ रहते हैं.”
मोहम्मद अहमद
पश्चिम बंगाल में साम्प्रदायिक सौहार्द का सुंदर नजारा
फातिमा अपनी मां बुशरा बेगम के साथ
(फोटो: गुरविंदर सिंह)

पूजन के दौरान फातिमा की मां बुशरा बेगम की आंखों में आंसू थे.

वो कहती हैं, “किसी भी मां के लिए अपनी बेटी को देवी के रूप में पूजे जाते देखना अविश्वसनीय है. मैं बहुत खुश हूं कि ऊपरवाले ने मुझे इतनी सुंदर और प्यारी बेटी दी.”

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