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आखिरी समय में JDS से ऐसे कांग्रेस के हाथ आई नॉर्थ बेंगलुरु की सीट

कृष्ण बायरेगौड़ा बेंगलुरु नॉर्थ में केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा के खिलाफ मैदान में हैं.

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कर्नाटक में राहुल गांधी के विश्वसनीय कृष्ण बायरेगौड़ा बेंगलुरु नॉर्थ में केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा के खिलाफ मैदान में हैं. वे ऐसे उम्मीदवार हैं जो काफी लेट इस रेस में उतरे क्योंकि बेंगलुरु नॉर्थ सीट पहले जेडीएस को दिया गया था, लेकिन नामांकन से एक दिन पहले ये सीट कांग्रेस को दे दी गई.

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ये सीट जेडीएस के पास केवल इस वजह से थी क्योंकि दोनों पार्टियां पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा को यहां से चुनाव लड़वाना चाहती थीं और जब देवेगौड़ा तुमकुर से चुनाव लड़ना चाहते थे तो इस सीट के लिए कोई लोकल स्टैंडिंग नहीं थी. इसलिए जेडीएस ने खुद कहा कि कांग्रेस को यहां से चुनाव लड़ना चाहिए.
कृष्ण बायरेगौड़ा, कांग्रेस नेता
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राहुल गांधी के वायनाड से चुनाव लड़ने को लेकर बायरेगौड़ा का कहना है कि पिछले कई हफ्तों से साउथ में कांग्रेस के लोगों और सहयोगियों, दोनों का दबाव रहा है. सभी ने राहुल गांधी से साउथ से चुनाव लड़ने का आग्रह किया. पिछले पांच सालों के दौरान साउथ में अलग थलग पड़ने की भावना है. साउथ की जनता केंद्र सरकार की वजह से उपेक्षित महसूस करती है. आप आंध्र जाइये, लोगों में प्रधानमंत्री से निराशा है. आप तमिलनाडु जाइये, किसानों और लोगों ने 'गो बैक' अभियान चलाया. कर्नाटक में पिछले पांच सालों में न्याय नहीं हुआ. साउथ की भावनाओं को पिछले पांच सालों में जानबूझकर अनदेखा किया गया. इसलिए साउथ के लोगों का मानना है कि कांग्रेस ज्यादा सही है. ये नॉर्थ बनाम साउथ के बारे में नहीं है. ये नॉर्थ और साउथ दोनों के लिए सही है. लोगों को लगता है कि कांग्रेस भारत के सभी हिस्सों के लिए ज्यादा सही है इसलिए राहुल गांधी पर चुनाव लड़ने का दबाव है.

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कांग्रेस और जेडीएस पुराने प्रतिद्वंदी रहे हैं लेकिन इस बार साथ में चुनाव लड़ने की वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. नॉर्थ बेंगलुरु में जेडीएस और कांग्रेस की एकता जीत दिला सकती है लेकिन मांड्या और मैसूर में गठबंधन के राह में रोड़े हैं. लेकिन बायरेगौड़ा का मानना है कि दोनों दलों के सभी नेता एकमत हैं और इस वजह से उनकी राह उतनी मुश्किल नहीं होगी.

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