वीडियो एडिटर: विशाल कुमार
लद्दाख अपनी खूबसूरती के लिए तो मशहूर है ही, लेकिन ये पहाड़ बेहद वीरान भी लगते हैं. इसके बावजूद इस इलाके की वीरा खूबसरती वाली छवि को बदलने की कोशिश कर रहे हैं कुछ बच्चे, जो खुद को व्यस्त रखते हैं क्लासिकल बैले, जैज या फ्री स्टाइल डांसिंग से.
बैले और कॉन्टेम्पररी डांसर निल्जा वांगमो 13 साल की हैं उनका कहना है कि “हम सब बैले करते हैं, कॉन्टेम्पररी और भी बहुत से डांस करते हैं, जैसे जैज और फ्री स्टाइल”
वहीं 10 साल की फ्री स्टाइल डांसर स्टेंजिन निल्जा बताती हैं,
“मैंने कई बार बर्फीले पहाड़ों पर और बहते पानी के साथ परफॉर्म किया है. लद्दाख का नजारा हमारे डांस की खूबसूरती और बढ़ा देता है. मुझे डांस करना बहुत पसंद है.”
आर्ट ऑफ मोशन ने बदल रहा तस्वीर
ये सारी लड़कियां यहां ‘आर्ट ऑफ मोशन लद्दाख’ एकेडमी में डांस सीख रहे हैं. एकेडमी में फिलहाल 932 छात्र अलग-अलग डांस फॉर्म सीख रहे हैं. इन डांसर्स के लिए डांस एक जिंदगी है.
इन्हीं में से एक डांसर का कहना है वो जब डांस करते हैं तो एक अलग ही दुनिया में होंते हैं. डांस से उन्हें बहुत खुशी मिलती है.
“ऐसे कितने ही डांस फॉर्म्स हैं जो अभी बच्चे जानते ही नहीं हैं, जैसे हिप-हॉप, कॉन्टेम्पररी, बैले. बच्चे अभी इन डांस फॉर्म्स से परिचित नहीं हैं.”तमन्ना, एरोबिक डांसर
19 साल की अदिति डांसर हैं. उनका कहना है, "आर्ट बातचीत करने का एक तरीका है. आप अपने आपको एक्सप्रेस कर सकते हैं कि आप कैसा महसूस करते हैं.” वहीं 8 साल की एक छोटी डांसर भी है जो अपने स्कूल के बाद डांस क्लास जाने के लिए बहुत उत्सुक रहती है.
वो कहती हैं, “इससे मुझे कॉन्फिडेंस आता है. ये मुझे फ्लेक्सिबल और फिट रखता है. मुझे बहुत तारीफें मिलती है और मुझे मुस्कुराते चेहरे बहुत पसंद है.”
अगली बार आप लद्दाख जाएं तो पुराने बीहड़ से दिखने वाले नजारे के बीच ये मॉडर्न म्यूजिकल ट्विस्ट देखना न भूलें!
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