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करोड़ों टिड्डियों के बीच रिपोर्टर, मिनटों में फसल चट कर गया झुंड

मध्य प्रदेश के दमोह, कटनी, जबलपुर समेत करीब 10 जिलों में टिड्डी दल ने जबरदस्त हमला किया है

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(एडिटर: वरुण शर्मा)

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मध्य प्रदेश के दमोह, कटनी, जबलपुर समेत करीब 10 जिलों में टिड्डी दल ने जबरदस्त हमला किया है. टिड्डी दल के हमले का सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हुआ है. खासतौर पर वो किसान जिनकी फसलें खेत में खड़ी हैं. कई किसानों ने खरीफ की फसलें बोई थी तो उनका ताजा-ताजा अंकुरण टिड्डियां चट कर गई हैं.

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दमोह जिले में 23 जून को टिड्डी दल ने भयानक हमला किया. कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि ये भयानक हमला था. टिड्डी दल की लंबाई करीब 3-4 किमी थी. एक जगह से गुजरने में इस टिड्डी दल ने आधे से पौन घंटा लिया. करोड़ों की तादाद में ये टिड्डियां रास्ते में आने वाली की फसलें चट करती चली गईं. जिले के करीब 50 गांव में इन टिड्डियों ने उत्पात मचाया है.

अचानक हुआ हमला किसानों को नहीं थी जानकारी

किसानों ने बताया कि उनको प्रशासन की तरफ से कोई जानकारी नहीं मिली कि कब टिड्डी का हमला होने वाला है. लेकिन जब उनको कुछ टिड्डियां उड़ती दिखीं तो उनका ध्यान गया. लेकिन फिर धीरे-धीरे टिड्डी बढ़ती चली गई और भयानक झुंड बनाकर खेतों में बैठने लगी. किसानों ने बताया कि खेत मानो ऐसा लग रहा था जैसे कि खेल पर कालीन बिछ गई हो. जैसे ही टिड्डी फसलों पर बैठी, तेजी फसलें चट करने लगी. टिड्डी जिस जगह पर बैठती है उतनी जगह को तुरंत साफ कर देती है.

ढोल-बर्तन पीटकर लोगों ने की टिड्डी भगाने की कोशिश

जहां से भी टिड्डी दल गुजरता वहां लोग बर्तन, ढोल ताशा पीटने लगते. स्थानीय प्रशासन ने भी शहरों में डीजे और फायर ब्रिगेड की व्यवस्था की थी. शहर के बाहर इनके खात्मे के लिए कैमिकल का भी छिड़काव किया गया. राहत की बात ये है कि अभी ज्यादातर किसानों ने खरीब की फसलों की बुआई नहीं की है. लेकिन जिन किसानों ने चावल के रोपे या फिर सोनाबीन की बोहनी की हुई है. उनके ताजे अंकुरण को टिड्डी दल चट कर गया है. जिनका नुकसान हो गया है उन किसानों में मन में अब सबसे बड़ा सवाल है कि इसकी भरपाई कैसे होगी.

कई शाखाओं में बंटा टिड्डी दल

स्थानीय कृषि वैज्ञानिकों ने क्विंट को बताया कि ये टिड्डी दल का ये काफी बड़ा समूह है. दल की लंबाई 3-4 किलोमीटर है और इसका धनत्व भी काफी ज्यादा है. पाकिस्तान से आया टिड्डी दल राजस्थान होते हुए मध्य प्रदेश में घुसा. लेकिन अब ये टिड्डी दल एक दल नहीं रहा है ये कई शाखाओं में बंट गया है. लोग पटाखे फोड़ते हैं, ढोल बजाकर आवाज करते हैं तो ये टिड्डी दल टूट जाता है और कुछ हिस्सा रास्ता भटक जाता है.

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