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महाराष्ट्र में लॉकडाउन का बढ़ना लगभग पक्का-जयंत पाटिल Exclusive

महाराष्ट्र जयंत पाटिल की संजय पुगलिया से खास बातचीत

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देशभर में कोरोना वायरस की वजह से संकट गहराता जा रहा है. महाराष्ट्र में ये बहुत तेजी से फैल रहा है. महाराष्ट्र में भी बात करें तो मुंबई में इसका असर ज्यादा है. मुंबई जैसे बड़े और इस्लामपुर जैसे छोटे इलाके में किस तरह से राज्य सरकार इसे नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है, इसी बात को समझने के लिए क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया ने महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल से खास बातचीत की.

जयंत पाटिल के मुताबिक महाराष्ट्र में जिस तरह के हालात हैं उसको देखते हुए सरकार लॉकडाउन की तारीख बढ़ा सकती है. एक-दो दिनों में जल्द ही इस बारे में फैसला किया जा सकता है.

महाराष्ट्र की सप्लाई चेन के बारे में बात करते हुए जयंत पाटिल ने कहा-

“अगर थोड़े पहले से इस बात की जानकारी होती तो लोग उस मुताबिक व्यवस्था कर सकते थे. सब्जियों की समस्या हो गई है. देहाती इलाकों में सब्जी पहुंचाने की व्यवस्था नहीं की गई थी. मुंबई, पुणे जैसे इलाको में लोग इतनी बड़ी संख्या में सब्जी खरीदने आते हैं कि लॉकडाउन का मकसद बदल जाता है. इसलिए सब्जी मंडी बंद करने का निर्णय लिया गया है. किराने के सामानों के भी आसानी से पहुंचाए जाने की कोशिश की जा रही है.”
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जयंत पाटिल के मुताबिक मुंबई में समस्या गंभीर हो गई है. धारावी में ये वायरस पहुंच गया है, जहां एक कमरे में 6-8 लोग रहते हैं. वर्ली कोलीवाड़ा में भी स्थिति ठीक नहीं है. मुंबई में अलग-अलग जगह पॉजिटिव केस मिल रहे हैं.

इस्लामपुर के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों का टेस्ट कर उन्हें आइसोलेट किया गया. जिस फैमिली की वजह से ये वायरस फैला उन्हें भी आइसोलेट किया गया. एक-आध ही पॉजिटिव हो सकते हैं लेकिन बाकी सारे लोग जो पॉजिटिव थे उनकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई है.

इकनॉमी पर लॉकडाउन के असर पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि इससे बहुत बड़ी चोट पहुंची है. लॉकडाउन के बाद माइग्रेंट वर्कर्स राज्य से बाहर चले गए. उन्हें लगा कि लॉकडाउन के वक्त सही से जानकारी नहीं दी गई. उन्हें लगा कि ये बहुत बड़ी समस्या है. वो बहुत डरावना था लेकिन अगर हम उन्हें आश्वासन देते कि डरने की कोई जरूरत नहीं है, हम आपके साथ हैं, आप जहां हैं वहीं रुकिए, अगर लोगों के लिए ये दो शब्द लॉकडाउन वाले भाषण में होता तो लोग ऐसे नहीं जाते.

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