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महाराष्ट्र चुनाव: पवार के गढ़ में क्या है जनता का मन और मुद्दे

स्टेट ट्रांसपोर्ट की बस में सफर कर क्विंट ने टटोला जनता का मन

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वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज

वीडियो प्रोड्यूसर: कनिष्क दांगी

क्विंट हिंदी की चुनावी यात्रा जारी है. यात्रा में हमारा पड़ाव रहा बारामती. ये वही बारामती है जहां NCP सुप्रीमो शरद पवार का घर है जहां से उनकी बेटी सांसद हैं और उनके भतीजे अजित पवार चुनाव लड़ रहे हैं. पवार के गढ़ में हवा का रूख किस तरफ जा रहा है? क्या फडणवीस सरकार का विकास बारामती तक पहुंचा? ये सब जानने के लिए हमने राशिन से बारामती तक स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट की बस में सफर किया.

सफर के दौरान कई यात्रियों से हमने जाना कि इस चुनाव में उनके मुद्दे क्या हैं, वो किस पार्टी का साथ देंगे?

सिप्ला कंपनी में काम करने वाले गणेश पवार पुणे के रहने वाले हैं काम के सिलसिले में कई बार स्टेट ट्रांसपोर्ट की बस से सफर करते हैं. मोदी सरकार के काम से गणेश खुश हैं हालांकि फडणवीस सरकार के काम से संतुष्ट नहीं है. रास्ते का हाल खास्ता हाल है हर ग्रामीण इलाके में यही हाल है बावजूद इसके गणेश कहते हैं कि सरकार बीजेपी की ही आएगी.

बीएसएनएल के रिटायर्ड कर्मचारी सदम कदम का कहना है कि वे मौजूदा सरकार के काम से खुश नहीं है. बसों की कमी की वजह से लोगों को बैठने की जगह नहीं मिलती है.

‘कई रूटों पर बहुत कम बसें चलती हैं, सरकार को बसों की संख्या बढ़ानी चाहिए. उन्हें ध्यान देना चाहिए. इस असुविधा के कारण हम जैसे लोगों को तकलीफ होती है.’
सदम कदम, रिटायर्ड कर्मचारी, बीएसएनएल

सदम से कर्जमाफी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा है कि कई किसानों को कर्जमाफी का लाभ नहीं मिल पाया है, बहुत कम ऐसे किसान हैं जिन्हें कर्जमाफी का फायदा मिला.

कांतिलाल बांसोडे एक किसान हैं. कांतिलाल से कर्जमाफी के बारे में पूछे जाने पर वो कहते हैं कि सरकार ने कर्जमाफी की है लेकिन पूरा कर्ज माफ नहीं हुआ, सरकार किसानों की फसल का भाव नहीं देती ये सरकार किसानों के लिए ठीक नहीं है.

मुंबई के महेश नलवड़े कैटरिंग का काम करते हैं. महेश, फडणवीस सरकार के काम से खुश नहीं हैं. उनके गांव में नहर बनाने के नाम पर सरकार ने 2 एकड़ जमीन ली लेकिन मुआवजा नहीं मिला. महेश का कहना है कि सरकार के इस कदम से वो और उनके गांव के कई लोग राज्य सरकार से नाराज हैं. उनका कहना है कि मोदी सरकार ने उनके हिसाब से एक ही काम अच्छा किया है और वो है फसल बीमा योजना, जिसका उन्हें पैसा मिल जाता है.

कर्जत के रहने वाले किसान विलास तोडमल ने बताया कि सरकार जिस विकास की बात कर रही है वो केवल उनके नेताओं का ही हुआ है. मंत्रियों ने उनके करीबियों का ही विकास किया है. सरकार ने लोगों को आश्वासन के अलावा कुछ नहीं दिया.

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