महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद से कुछ ऐसे हालात बने कि रोज अटकलों का बाजार गरम हो रहा है. रोज नए समीकरण बनते दिख रहे हैं. लेकिन अगर अगले एक दिन में किसी भी पार्टी ने सरकार बनाने के दावा पेश नहीं किया तो राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है.
बीजेपी लगातार ये दावा कर रही है कि वो और शिवसेना, दोनों मिलकर सरकार बनाएंगे, लेकिन हालात ये हैं कि दोनों पार्टियों के बीच अभी तक कोई आधिकारिक संवाद नहीं हुआ है. इसलिए ये कहना मुश्किल है कि बीजेपी और शिवसेना मिलकर सरकार बनाएंगे.
दूसरी स्थिति में एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस मिलकर सरकार बना सकते हैं. लेकिन इसमें भी कांग्रेस सबसे बड़ी अड़चन के रूप में सामने आ रही है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस आलाकमान शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने के पक्ष में नहीं हैं. इसलिए इस पर भी स्थिति साफ नहीं हुई है.
शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ तौर पर कह दिया कि जनता ने उन्हें विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया, इसलिए वो विपक्ष में बैठेंगे.
कोई भी पार्टी फिलहाल अपने पत्ते नहीं खोल रही है. बीजेपी के दो बड़े नेता राज्यपाल से मुलाकात करने वाले हैं. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि बीजेपी सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है.
लेकिन सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक फडणवीस के विधायक दल के नेता चुने जाने के बाद जब तक वो खुद राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करते, तब तक इस बारे में भी स्थिति साफ नहीं होगी.
विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना साथ मिलकर लड़ी थीं. इस चुनाव में बीजेपी 105 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी. वहीं शिवसेना को 56 सीटों पर जीत मिली है. विपक्षी गठबंधन में एनसीपी को 54 सीटों पर जीत मिली, वहीं कांग्रेस के खाते में 44 सीटें आई. 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 145 का है.
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