नेपाल भूंकप त्रासदी ने इन दोनों लड़कियों को ताउम्र साथ रहने वाला दर्द दे दिया. निर्मला और खेमका महज 7 साल की थीं जब भूकंप के दौरान मकान ढहने से इन दिनों को अपना एक पैर गंवाना पड़ा.
दोनों साथ में अस्पताल में थीं और वहीं दोनों की दोस्ती हुई. लेकिन होनी को तो कुछ और मंजूर था. अस्पताल से जब इन्हें छुट्टी मिली तो ये अपने अपने परिवार के साथ रहने लगीं.
खेन्डू का किस्मत ने साथ दिया और एक विदेशी सैलानी ने उसकी पढ़ाई का खर्च उठा लिया लेकिन निर्मला की किस्मत इतनी अच्छी नहीं थी. उन्हें पढ़ाई के लिए फंड देने वाला अबतक कोई नहीं मिला है लेकिन इसका मतलब ये कतई मत समझिएगा कि निर्मला मायूस है, निर्मला के पिता बताते हैं कि वो अपनी ही धुन में मग्न रहती है, इतनी खुश रहती है कि उसकी खुशी देखकर उनका गम भी कम हो जाता है.
निर्मला का सपना है कि वो या तो डॉक्टर बनेगी या फिर हिरोइन.
25 अप्रैल 2015 को नेपाल में भयंकर भूकंप आया था जिसकी वजह से हजारों जिंदगियां तबाह हो गईं.
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