राइटर और प्रोड्यूसर: इशाद्रिता लाहिड़ी
कैमरा और डायरेक्शन: अभय शर्मा, त्रिदीप के मंडल
क्रिएटिव प्रोड्यूसर: पुनीत भाटिया
साल में नवरात्र ही ऐसा वक्त होता है जब समाज का एक बड़ा तबका मां दुर्गा की शरण में होता है. हमेशा से दुर्गा जी को एक ऐसी देवी के तौर पर देखा गया जो गरीबों, शोषितों, पीड़ितों की मदद के लिए आगे आती हैं. एक ऐसी देवी जिसने उस शैतान को खत्म कर दिया जिसे बड़े-बड़े देवता खत्म नहीं कर सके.
लेकिन ये दुर्गा हैं कौन? एक देवी या एक महिला? दुर्गा आखिर किस चीज का प्रतिनिधित्व करती हैं? दैवीय शक्ति या सिर्फ शक्ति?
क्विंट ऐसी ही 'दुर्गाओं' की आपबीती आपको बता रहा है जिन्होंने पिछले कुछ साल में हर दिक्कत-मुश्किल का बड़ी ही बहादुरी से सामना किया.
- एथलीट हिमा दास, जो गरीबी और लैंगिक भेदभाव को दरकिनार कर IAAF वर्ल्ड U20 चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बनीं.
- डीजे वर्निका कुंडू, जिन्होंने एक मंत्री के बेटे के खिलाफ आवाज उठाई. वर्णिका जब काम के बाद रात में अपने घर आ रही थीं, तो उस शख्स ने उनका पीछा किया और छेड़खानी की. वर्णिका की लड़ाई ने देश में स्टॉकिंग के खिलाफ नए कानूनों पर बहस छेड़ दी
- हदिया यानी अखिला अशोकन, वो लड़की जिसने अपने धर्म चुनने के अधिकार, साथी चुनने के अधिकार और जिंदगी जीने की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी.
- केरल की निडर नन जिन्होंने बिशप के खिलाफ आवाज उठाई. इस बिशप पर नन से 2 साल में 13 बार रेप का आरोप है. उनकी इस लड़ाई से धार्मिक 'नेताओं' से महिला सुरक्षा पर नई बहस छिड़ गई.
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