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VIDEO | धोनी जैसा कप्तान पूरी दुनिया में नहीं है, पेश हैं 5 सबूत

लेकिन क्या बेस्ट यूं ही बन जाते हैं?

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वीडियो एडिटर- विशाल कुमार

एमएस धोनी यानी महेंद्र बाहुबली....ये वो कप्तान साहब हैं जिन्होंने तीन आईपीएल, 1 वनडे वर्ल्ड कप, 1 टी20 वर्ल्ड कप, 1 चैंपियंस ट्रॉफी, 2 एशिया कप, टेस्ट क्रिकेट में नंबर वन, दो चैंपियंस लीग टी20 खिताब. कोई शक नहीं...कोई शक नहीं है कि ये बंदा वर्ल्ड क्रिकेट का बेस्ट कैप्टन है लेकिन क्या बेस्ट यूं ही बन जाते हैं?

कैप्टन कूल, बहुत ज्यादा लकी या फिर उनके पास हमेशा अच्छी टीम रहती हैं जैसी बातें तो हैं ही लेकिन इस आईपीएल में 34 साल की एवरेज उम्र वाली टीम के साथ, जिसमें ज्यादातर खिलाड़ी अपनी नेशनल टीम के रेगुलर मेंबर भी नहीं हैं उसे चैंपियन बना दिया. मतलब क्या घुट्टी पिला रहे थे कप्तान साहब कि टूर्नामेंट की शुरुआत में जिस टीम को क्रिकेट पंडित बूढ़ों की टीम मान रहे थे वो चैंपियन बन गई.

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खिलाड़ियों को एंड तक मिलता है बैक-अप

धोनी ने किसी खिलाड़ी को अपनी टीम में चुना है तो ऐसा नहीं कि वो उसके इक्का दुक्का खराब परफॉर्मेंस से उसे साइडलाइन कर देंगे. शेन वॉट्सन, अंबाती रायडू या फिर हरभजन सिंह जैसे दूसरी बड़ी फ्रैंचाइजी से आए खिलाड़ियों को धोनी ने हर कदम पर बैक किया.

उम्र, फॉर्म और फील्डिंग से ऊपर उठकर खिलाड़ी की बेस्ट क्वॉलिटी को पहचाना और उसे टीम की रणनीति का हिस्सा बनाया. जरा सोचिए ना कि कैसे जो शेन वॉट्सन पिछले 2,4 सीजन से आईपीएल में बुरी तरह फ्लॉप थे, इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले चुके थे वो चेन्नई में आते ही बीस्ट मोड में आ गए. वजह भरोसा...कप्तान का भरोसा

B, C, D, E ...माही के पास सारे प्लान

माही कोई पका पकाया या स्ट्रेट फॉरवर्ड सा होमवर्क करके फील्ड पर नहीं उतरते. उनके पास हर सवाल के चार जवाब होते हैं. फील्ड कंडीशन, मैच का रुख, दूसरी टीम के कप्तान की रणनीति हर चीज पर माही की पैनी नजर है. कितना भी बड़ा मैच हो, माही के इमोशन उन पर भारी नहीं हो सकते और ये तो कहते ही हैं कि शांत आदमी सबसे ज्यादा खतरनाक होता है

लेकिन क्या बेस्ट यूं ही बन जाते हैं?
धोनी यानी ‘परिवार’ जैसी टीम के मुखिया
(फोटो: IPL)

क्रेडिट लेने में हमेशा पीछे

हर बार माही ट्रॉफी लेते हैं और पीछे खड़े हो जाते हैं. उनकी कामयाबी का सबसे बड़ा मंत्र है कि जीत का क्रेडिट खिलाड़ियों को दो. जैसे एक शरीर में आंखे हैं, मुंह है , हाथ पैर हैं जो ज्यादा दिखते हैं लेकिन रीढ़ की हड्डी जिस पर पूरा शरीर खड़ा है वो पीछे है. धोनी अपनी टीम की रीढ हैं.

काम पहले , भाईचारा बाद में

ये माही की सबसे बड़ी क्वालिटी है. टीम में आपको जगह तभी मिलेगी जब आपकी जरूरत होगी. अगर आप बड़े महान टाइप खिलाड़ी हैं लेकिन कोई 19 साल का लड़का रणनीति में आपसे ज्यादा फिट बैठता है तो माही आपको अपनी टीम में नहीं लेगा. इस सीजन में फाफ डुप्लेसी, सैम बिलिंग्स और हरभजन सिंह जैसे खिलाड़ियों को भी धोनी ने कई बार टीम से बाहर बिठाया.

महान बनने के लिए यही कुछ इनग्रेडिएंट्स हैं जिन्हें धोनी ने अपने अंदर समा लिया. बहुत मुश्किल नहीं है अपनाना लेकिन इसको लगातार लागू करना और करेक्शन की जरूरत हो तो इनोवेट करते रहना यही कैप्टन कूल को सबसे अलग बनाता है!

(धोनी के शानदार रिकॉर्ड्स को लेकर ये वीडियो दो साल पहले रिकॉर्ड किया गया था)

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