मुंबई में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए बीएमसी प्रशासन ने अब अस्पतालों में बेड्स की संख्या बढ़ाने का काम शुरू कर दिया है. बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल ने एक सर्कुलर जारी कर कोरोना मरीजों के लिए बेड की व्यवस्था को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है. जिसके तहत निजी अस्पतालों में 2269 बेड्स उपलब्ध करा दिए जाएंगे जिसमें 360 आईसीयू बेड्स शामिल होंगे. साथ ही इसमें सबसे बड़ी बात ये है कि अब निजी लैब की रिपोर्ट के आधार पर मरीज को भर्ती नहीं किया जाएगा.
बढ़ते मामलों को देखते हुए बेड बढ़ाने का काम शुरू
बीएमसी कमिश्नर चहल के मुताबिक, मुंबई में फिलहाल 3000 बेड्स कोरोना मरीजों के लिए खाली हैं, जिसमे 450 बेड्स निजी अस्पताल के हैं. साथ ही अगले हफ्तेभर में जम्बो कोविड अस्पतालों में 1500 बेड्स की संख्या बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है. जिससे मुंबई में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए कुल 7000 बेड्स उपलब्ध हो जाएंगे.
अब अगर पिछले साल मार्च-अप्रैल की बात करें तो 15 अप्रैल को मुंबई में कोरोना मरीजों के लिए 1,969 बेड खाली थे. तब देशभर में कोरोना मामलों की रफ्तार तेजी से बढ़ रही थी. हालांकि अब बेड्स की संख्या पिछले साल के मुकाबले ज्यादा है.
वॉर रूम के जरिए मिलेंगे बेड
लेकिन सबसे अहम बात ये है कि निजी अस्पतालों में बीएमसी कोटे से उपलब्ध हुए बेड्स का आवंटन सीधे अस्पताल नही कर सकेंगे. इसीलिए अस्पतालों को भी सूचित किया गया है कि बीएमसी के 24 वार्ड्स में कार्यरत वॉर रूम्स के जरिए ही बेड्स उपलब्ध कराए जाएंगे.
ऐसे में निजी लैब्स की रिपोर्ट के आधार पर कोरोना मरीज को अस्पताल में एडमिट नहीं किया जा सकता. उसके लिए देर रात सभी रिपोर्ट्स का डेटा बीएमसी के पास संकलित होगा. जिसके बाद दूसरे दिन सुबह उन्हें नजदीकी अस्पताल में भेजा जाएगा.
80 फीसदी बेड रिजर्व, नियमों में बदलाव
दरअसल, पिछले कुछ हफ्तों में मुंबई के हाई राइज टावर्स और सोसाइटीज में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ गई है. इन मरीजों में ज्यादातर निजी अस्पताल और सिंगल बेड की मांग अधिक होती है. जिस वजह से निजी अस्पतालों में बेड्स की संख्या कम पड़ने की संभावना थी. लेकिन अब बीएमसी ने फिर से निजी अस्पतालों में 80% कोविड बेड्स और 100% आईसीयू बेड्स रिजर्व कर लिए हैं.
ऐहतिहात के तौर पर बीएमसी ने डिस्चार्ज के नियमों में भी बदलाव किया है. माइल्ड से सीवियर मरीजों को प्राथमिकता देने के लिए गंभीर बीमारी ना होने वाले ऐसे मरीजों को, जिनमें हल्के लक्षण हैं, उन्हें बेड्स देने पर पाबंदी होगी. साथ ही गंभीर मरीजों के लिए जरूरत पड़ने पर बेड्स खाली भी करवाए जा सकते हैं. बेड व्यवस्थापन की पूरी जिम्मेदारी हर वार्ड के असिस्टेंट कमिश्नर को दी गई है. जिससे बेड आवंटन की प्रक्रिया को डिसेंट्रलाइज कर दिया है.
बता दें कि मुंबई में पिछले एक हफ्ते में कोरोना के नए मामलों ने रोजाना 5 हजार का आंकड़ा पार कर लिया है. बीएमसी का मानना है कि अगले कुछ दिनों में ये आंकड़ा प्रतिदिन 10 हजार पार कर सकता है, जिसके लिए अभी से इंतजाम करना जरूरी है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)