हाउडी मोदी इवेंट में पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत की भाषाओं पर कहा कि भारत में सैंकड़ों भाषाएं एक साथ आगे बढ़ रही हैं. मोदी ने कहा कि देश में अलग अलग भाषाएं होना भारत की उदारवादी पहचान है. पीएम मोदी ने ये बात तब कही है जब भारत में गृहमंत्री अमित शाह की एक टिप्पणी के बाद से हिंदी भाषा को राष्ट्रीय भाषा के तौर पर लागू करने की बहस छिड़ गई है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने ‘हाउडी मोदी’ में अपने भाषण की शुरुआत भाषा पर बात करते हुए की. पहले मोदी ने भारत की लगभग सभी प्रमुख भाषाओं में कहा ‘सब ठीक है.’
‘‘अलग-अलग भाषाएं भारत की लिबरल कल्चर की पहचान हैं. भारत में सैकड़ों भाषाएं एक साथ आगे बढ़ रही हैं. अलग पंथ, संप्रदाय, क्षेत्रीय, वेशभूषा, मौसम भारत को अद्भुत बनाते हैं. भारत की धरोहर-विविधता और विशेषता विविधता ही भारतीय लोकतंत्र का आधार, शक्ति और प्रेरणा है. हम जहां जाते हैं विविधता और लोकतंत्र के संस्कार लेकर जाते हैं.’’नरेंद्र मोदी (प्रधानमंत्री, भारत)
अमित शाह ने क्या कहा था ?
बीते दिनों हिंदी दिवस के मौके पर गृहमंत्री अमित शाह ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जाएंगे और सभी को अपनी मातृ भाषाओं का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने के लिए कहा जाएगा. इसके साथ ही ये भी कहा,
‘‘भारत विभिन्न भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है. लेकिन पूरे देश की एक भाषा होना बेहद जरूरी है, जो विश्व में भारत की पहचान बने.आज देश को एकता की डोर में बांधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है तो वो सर्वाधिक बोली जाने वाली हिंदी भाषा ही है.’’अमित शाह, गृह मंत्री
अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का भी जिक्र किया, जिन्होंने यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली में हिंदी में भाषण दिया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)