ADVERTISEMENTREMOVE AD

सीवी रमन ने साइंस को क्‍या दिया, जानिए पूरी कहानी

इसके पीछे की कहानी खासी दिलचस्प है

Updated
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

1921 में, मशहूर भारतीय भौतिक वैज्ञानिक सी.वी. रमन जहाज में सवार होकर लंदन से अपने घर लौट रहे थे. उस वक्त एक सवाल उनके दिमाग में आया. समंदर का रंग नीला क्यों है? वो इस मान्यता से सहमत नहीं थे कि आसमान के नीले रंग की वजह से सागर नीला है. आज सी.वी. रमन की पुण्यतिथि पर जानते हैं उनके विशेष योगदान के बारे में.

मार्च 1928 में, उन्होंने एक थ्योरी प्रकाशित की जिसे ‘रमन स्केटरिंग’ यानी ‘रमन इफेक्ट’ के रूप में जाना जाने लगा. ‘रमन स्केटरिंग’ रोशनी के वेवलेंथ में बदलाव के बारे में है, ऐसा तब होता है जब मॉलीक्यूल रोशनी की किरण को मोड़ देते हैं. 

इसे थोड़ा आसान भाषा में समझते हैं

इसके पीछे की कहानी खासी दिलचस्प है
सेब का रंग लाल है, है ना? पर क्यों?
(फोटो: iStock)

आप दिन के समय एक सेब को देखते हैं सेब का रंग लाल है, है ना? पर क्यों?

दरअसल, सूरज की रोशनी सभी रंगों से बनी होती है, हर रंग की एक खास वेवलेंथ होती है.

जब सूरज की रोशनी एक प्रिज्म से गुजरती है तो आप इसके तमाम रंग देख सकते हैं. इस दौरान रोशनी मुड़ती है और अलग-अलग रंगों में बंट जाती है. बिल्कुल वैसे ही, जैसे आप इंद्रधनुष में देखते हैं. उसी तरह, एक लाल सेब कुछ मॉलीक्यूल से बना होता है.

इसके पीछे की कहानी खासी दिलचस्प है
रमन स्केटरिंग’ रोशनी के वेवलेंथ में बदलाव के बारे में है, ऐसा तब होता है जब मॉलीक्यूल रोशनी की किरण को मोड़ देते हैं
.

जो सूरज की रोशनी से संपर्क करता है. ज्यादातर सेब के मॉलीक्यूल सभी रंगों को सोख लेते हैं. सिवाय लाल रंग के, जो रिफलेक्ट करता है. इसलिए, आप सेब का लाल रंग देखते हैं. इसी तरह, आपके आसपास जो भी है वो मॉलीक्यूल से बना है, वो रोशनी की अलग तरंगों से रिफ्लेक्ट करते हैं और इसलिए अलग-अलग रंगों में दिखते हैं.

रमन इफेक्ट इसी थ्योरी के आसपास है लेकिन कुछ और विस्तार लिए इसे स्पेक्ट्रोस्कोपी में इस्तेमाल किया जाता है ताकि अलग-अलग मॉलीक्यूल के स्ट्रक्चरल फिंगरप्रिंट का पता लगाया जा सके. रमन ने ये खोज 28 फरवरी 1928 को ही की थी, इसलिए इस दिन उनकी खोज का जश्न मनाने के लिए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है.

सी. वी. रमन को 1930 में नोबल पुरस्कार दिया गया, वो इस सम्मान को पाने वाले पहले एशियाई बने.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×