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नवरात्रि में गरबा कलाकारों की आमदनी पर भी लगा ब्रेक

COVID-19 ने इस साल मुंबई में गणेश चतुर्थी के बाद, नवरात्रि समारोहों की भी चमक फीकी की

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वीडियो एडिटर: आशीष मैक्यून

COVID-19 ने इस साल मुंबई में गणेश चतुर्थी के बाद, नवरात्रि समारोहों की भी चमक फीकी कर दी है. महाराष्ट्र सरकार ने इस साल गरबा, डांडिया और अन्य आयोजनों के खिलाफ 16-सूत्रीय सर्कुलर जारी किया है. सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बजाय, राज्य सरकार ने पूजा मंडलों को त्यौहारों की के दौरान स्वास्थ्य शिविर और रक्तदान शिविर लगाने की सलाह दी है.

सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजक और हर साल प्रदर्शन करने वाले कलाकार इस बात से निराश हैं कि इस साल उनकी कमाई पर इसका काफी असर पड़ने वाला है.

आर्टिस्ट के लिए सोचने वाले बहुत कम हैं. सबसे आखिर में उनके बारे में सोचा जाता है, जबकी किसी भी इवेंट को सबसे ऊपर तक ले जाना में सबसे बड़ा हाथ आर्टिस्ट का होता है.
मनीष जोशी, गायक

एम जी म्यूजिक के प्रोपराइटर मेहुल गंगार बताते हैं कि छोटे से छोटे म्यूजिसियन को भी 25-50 हजार रुपये मिल जाते हैं वहां उस इंसान के पास कोई काम ही नहीं है. फिर पैसे भी नहीं हैं.

डांस सिखाने वाले किरण शाह की भी आमदनी नवरात्रि पर ही निर्भर करती है. त्योहार शुरू होने से पहले लोगों को गरबा की कला निखारने में मदद करते हैं.

हर साल करीब 300 बच्चे हमारे पास सिखने आते हैं. 2500 से 3500 तक की फीस लेते हैं. इस साल सिर्फ 10 % ही लोग आ रहे हैं.
किरण शाह, मालिक, D4Dance G4Garba

वृजेश शाह गरबा के कपड़े किराए पर देते हैं लेकिन इस साल कोई ऑर्डर नहीं मिला. कीमत कम करने को मजबूर हो गए हैं. वो बताते हैं कि बड़े गोदाम को खाली कर छोटे गोदाम में सामान शिफ्ट कर दिया है.15 लोग काम करते थे उनमें से भी कम कर दिया. अब सिर्फ अप्वाइंटमेंट के दिन या एक दिन बीच कर ही स्टाफ को बुलाते हैं.

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