ADVERTISEMENTREMOVE AD

NEET PG परीक्षा रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप, डॉक्टर्स पहुंचे कोर्ट

करीब 200 MBBS डॉक्टरों ने NEET PG 2019 प्रवेश परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए दिल्ली HC में दायर की याचिका 

छोटा
मध्यम
बड़ा

वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज

ADVERTISEMENTREMOVE AD

NEET PG 2019 के प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए लगभग 200 एमबीबीएस डॉक्टरों ने स्कोर में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है.

6 जनवरी 2019 को इस परीक्षा में 1,43,148 कैंडिडेट शामिल हुए थे. उनमें से 2,000 से ज्यादा एमबीबीएस डॉक्टरों का आरोप है कि उन्हें अपेक्षित स्कोर से कम स्कोर मिले हैं. इन कैंडिडेट्स का कहना है कि उनकी ओर से परीक्षा के दौरान अटेंप्ट किए गए सवालों की संख्या और फाइनल टैली में दिखाए गए सवालों की संख्या में अंतर है.

इस गड़बड़ी को लेकर 200 एमबीबीएस डॉक्टरों ने NEET PG 2019 के नतीजों को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है.

द क्विंट ने उनमें से कुछ याचिकाकर्ताओं से बात की है.

जब हम क्वेश्चन पेपर सब्मिट करते हैं, तो जितने सवाल अटेंप्ट करते हैं, वो हमें आखिर में दिखते हैं.  सबको पता होता है कि हमने कितने सवाल किए हैं. लेकिन जब नतीजे आए इस बार उसमें कई लोगों को कम मार्क्स मिले. मेरे एक साथी हैं ,उन्होंने 247 सवाल हल किए थे, जबकि दिखाया गया कि उन्होंने 239 सवाल ही किए.
नीतीश (बदला हुआ नाम)
ADVERTISEMENTREMOVE AD

हाई कोर्ट के सामने अन्य मांगों के बीच, याचिकाकर्ता ये भी चाहते हैं कि नीट के ब्रॉशर में जिस नाॅन डिस्क्लोजर क्लाॅज का जिक्र है, उसे भी हटाया जाए.

छात्रों का दावा है कि ये क्लाॅज ही वो वजह है जो एनबीई (नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन) को प्रश्नपत्र या उसकी उत्तर पुस्तिकाओं को शेयर करने से रोकता है.

नॉन-डिस्क्लोजर एग्रीमेंट हमारे मौलिक अधिकारों का और हमारे राइट टू इंफॉर्मेशन अधिकार का हनन करता है.  
डॉक्टर रजनीश

दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिका पर प्रतिक्रिया देने और सभी संबंधित दस्तावेजों को पेश करने के लिए एनबीई और साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय को निर्देश दिया है. मामले में अगली सुनवाई 19 मार्च 2019 को होनी है.

याचिकाकर्ता अगली सुनवाई का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि काउंसलिंग सेशन 15 मार्च से शुरू होने वाला है, जिसके बाद छात्रों को सीटें आवंटित की जाएंगी.

मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम में पारदर्शिता न होना यानी हेल्थकेयर सिस्टम से खिलवाड़. क्या न्यायिक दखल से डॉक्टर बनने की चाह रखने वाले कैंडिडेट इस मुसीबत से उबर पाएंगे?

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×