ADVERTISEMENTREMOVE AD

आर्यन खान की जमानत याचिका क्यों हुई खारिज? इन कारणों से मिलनी चाहिए बेल

आर्यन खान ने जमानत के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

मुंबई क्रूज ड्रग्स पार्टी केस में गिरफ्तार हुए एक्टर शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) की जमानत याचिका स्पेशल NDPS कोर्ट ने 20 अक्टूबर को खारिज कर दी. खान के दोस्त अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा की जमानत याचिका को भी स्पेशल जज वीवी पाटिल ने खारिज कर दिया था. आर्यन खान ने जमानत के लिए अब बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है.

लगभग दो हफ्ते की न्यायिक हिरासत में रहने के बाद भी (NCB की हिरासत में लगभग एक हफ्ते के बाद) उनके जमानत याचिकाओं को खारिज करना हैरान करने वाला है.

इस मामले में ये सवाल खड़े हो रहे हैं:

क्या सबूत है जो खान, मर्चेंट और धमेचा को एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग-तस्करी के गिरोह के साथ कथित साजिश से जोड़ती है? ये देखते हुए कि NCB खुद कहा है कि वो अभी भी साजिश की जांच कर रहा है, और केवल WhatsApp चैट पर 'having a blast' के बारे में पता है, इस गंभीर आरोप को कैसे सही ठहराया जा रहा है?

NCB ने उनपर NDPS एक्ट (साजिश) की धारा 29 के तहत मामला दर्ज किया है, उनपर NDPS अधिनियम की कठोर धारा 27A के तहत मामला क्यों नहीं दर्ज किया गया, जो ड्रग्स की तस्करी से संबंधित है? अगर इसके तहत उनपर मामला दर्ज करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है, तो हिरासत में पूछताछ खत्म होने पर जमानत का विरोध क्यों किया जा रहा है?

तीनों पर कम मात्रा में चरस/भांग (अधिकतम 1 साल की सजा) और चरस का सेवन (अधिकतम 6 महीने की सजा) का मामला दर्ज किया गया है, तो क्या जमानत देने के लिए नियमित प्रक्रिया लागू नहीं होनी चाहिए? उन्हें कैसे फरार होने, या सबूतों से छेड़छाड़ करने या गवाहों को धमकाने के लिए खतरा माना जा रहा है?

आर्यन खान के खिलाफ NCB ने जो केस बनाया है, उसके आधार पर इन्हें जमानत मिलनी चाहिए थी, क्योंकि आर्यन के पास से NCB को कोई भी ड्रग्स नहीं मिले हैं. अरबाज मर्चेंट से 6 ग्राम चरस और मुनमुन धमेचा से 5 ग्राम चरस बरामद हुआ है. NDPS एक्ट के मुताबिक, ये कम मात्रा है और इसके लिए ज्यादा से ज्यादा सजा एक साल सजा है.

अगर सजा कम है, तो आमतौर पर कानून के तहत, इन मामलों में जमानत मिल जाती है.

बॉम्बे हाईकोर्ट ने अक्टूबर 2020 में रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शॉविक को दिसंबर 2020 में जमानत दी थी, क्योंकि NCB उन दोनों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को साबित करने में विफल रही थी. NCB एक बार फिर अधूरे सबूतों के आधार पर वैसे ही आरोप लगा रही है और NDPS कोर्ट एक बार फिर जमानत को खारिज कर रहा है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×