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आजमगढ़ केस-''क्या छोटी जाति के लोगों का अपनी मेहनत से आगे बढ़ना गुनाह है?''

Azamgarh dalit gram Pradhan के घर कार्रवाई का मामला, अब तक क्या-क्या हुआ?

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वीडियो प्रोड्यूसर: मौसमी सिंह

वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज

आजमगढ़ में दलित प्रधान मुन्ना पासवान के और आसपास के घरों में तोड़-फोड़ का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. 29 जून कोआजमगढ़ जिले के पलिया गांव में हुई इसघटना में फ़िलहाल मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं और एसएचओ को लाइन हाजिर किया गया है.

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आरोपों के मुताबिक पलिया गांव में एक छेड़छाड़ की घटना के बादपुलिसवहांजांच करने पहुंची थी. जिसके बाद ग्रामप्रधान से मारपीट हो गई. प्रधान के समर्थकों ने भी पुलिस के साथ मारपीट की.ग्रामीणों का आरोप है कि रात में दबिश देने आई पुलिस ने JCB से प्रधान समेत पासी समाज के कुछ मकानों को तहस-नहस कर दिया और उनके जेवर और कीमती सामान लूट ले गए. पुलिस पर महिलाओं से अभद्रता करने का भी आरोप है.

कह रहे थे कि रात में जो मजा हमको चाहिए था वो नहीं मिला, इसलिए हम दिन में आए हैं. छोटी जाति की औरतें मज़ा लेने के लिए होती हैं. उसकी कोई इज्जत नहीं होती है. छोटी जाति में अपने मेहनत से कोई आगे बढ़ रहा है तो गुनाह है.
गांव की महिला

घटना के बाद गांव की महिलाएं धरने पर बैठी हुई है. पुलिस की तरफ से उन्हें भरोसा दिलाया गया है कि जांच पूरी होने तक किसी मामले में किसी गाँववाले की गिरफ़्तारी नहीं की जाएगी. आपको बता दें कि मामले में अबतक तीन एफआईआर दर्ज की गई है. 8 जून को धरने पर बैठी महिलाओं से मुलाक़ात करने एसपी और बीएसपी के नेता भीपहुंचे थे.

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इस मामले में अबतक प्रियंका गांधी, मायावती, चंद्रशेखर आज़ाद समेत तमाम विपक्षी दलों ट्वीट कर नाराज़गी जताई है. प्रधान के परिवार वालों की मांग है कि ख़ुद सीएम योगी आदित्यनाथ गांव में आए और स्थिति को देखे और उचित कार्रवाई करें.

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