क्या नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पीएम बनने की महत्वाकांक्षा है? क्या नीतीश कुमार 2024 में प्रधानमंत्री उम्मीदवार होंगे? इस सवाल के जवाब पर नीतीश कुमार ने जवाब दिया है. नीतीश कुमार ने पटना में शुक्रवार 12 जुलाई 2022 को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मेरे मन एसी कोई बात नहीं है.
बिहार (Bihar) में बीजेपी से अलग होकर महागठबंधन यानी राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, लेफ्ट पार्टियों के साथ मिलकर नीतीश कुमार ने एक बार फिर सरकार बनाई है, सरकार बनाने के बाद से ही बार-बार ये सवाल उठ रहा है कि क्या नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे.
इसी सावल के जवाब में नीतीश ने हाथ जोड़ते हुए कहा,
"देखिए भाई, एक बात हम हाथ जोड़कर के कह देते हैं, ये सब मेरे मन में कोई बात नहीं है. जो कहता रहे, हमारे नजदीक भी कह देता है, हम प्रणाम कर लेते हैं छोड़ो ना भाई... हमारा काम है सबका काम करना... हम कोशिश करेंगे कि सभी विपक्षी दल मिलकर एक साथ चलें. तो बहुत अच्छा होगा, लोगों की परेशानियों पर बात करेंगे और समाज में अच्छा माहौल रहेगा."
बता दें कि इससे पहले भी पत्रकारों ने जब पीएम बनने को लेकर सवाल किया था तब नीतीश कुमार ने अगले लोकसभा चुनाव को लेकर पीएम मोदी पर तंज कसा था. नीतीश कुमार ने कहा था, 'जो 2014 में जीतकर आए हैं, उनका पता नहीं कि 2024 में रहेंगे या नहीं.'
ED, CBI पर क्या बोले नीतीश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ईडी और सीबीआई के दुरूपयोग को लेकर कहा कि इस पर जनता जवाब देगी. देश संविधान से चलता है. उन्होंने बीजेपी के नेताओं द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर चुटकी लेते हुए कहा कि जो मेरे खिलाफ बोलेगा उसे फायदा होगा.
तेजस्वी यादव के 10 लाख नौकरी देने के वादे पर क्या बोले नीतीश
पटना में 'बिहार वृक्ष सुरक्षा दिवस' कार्यक्रम में शामिल होकर पेड़ों को राखी बांधने के बाद नीतीश कुमार ने नौकरी के सवाल पर कहा कि हम कोशिश कर रहे हैं, हमारा पूरा प्रयास रहेगा. 2015-2016 में भी हमने जो कहा था वो किया. उसका दूसरा चरण भी लाया गया. उसके अलावा भी बहुत काम किया है. हमने भी कहा है कि अधिक से अधिक रोजगार मिलना चाहिए.
RCP सिंह पर बोले नीतीश- बहुत अधिकार दिया, लेकिन गड़बड़ किया
नीतीश ने अपने करीबी रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का बिना नाम लिए कहा कि जिन्हें सबसे ज्यादा अधिकार दिया उन्होने कितना गड़बड़ किया. उन्होंने कहा कि हमलोग तो राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में भी साथ खड़े थे. लेकिन पार्टी के लोगों को इच्छा थी कि अब गठबंधन से अलग हुआ जाए और पार्टी अलग हो गई.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)