कैमरा- फकीह खान राजा
वीडियो एडिटर - आशुतोष भारद्वाज
"मेरी बेटी मां बनने वाली है, अचानक उसे दर्द उठ गया, लेकिन बाढ़ की वजह से डॉक्टर के यहां ले जाना मुश्किल था, कोई साधन नहीं था, पूरा गांव पानी से डूबा हुआ है. ऐसे में गांव के कुछ मददगार सामने आए और उन्होंने पानी पार करने के लिए ट्यूब से बनी नाव के नाव के जरिए हमें पानी पार कराया, सरकारी मदद नहीं बल्कि गांव के लड़कों ने पानी में खुद उतर कर किसी तरह हमें अस्पताल पहुंचाया." बाढ़ प्रभावित बिहार में ऐसी कई कहानियां सुनने को मिल रही हैं.
बिहार में बाढ़ का कहर जारी है. इसी दौरान गांव के डूबने से लेकर बांध के टूटने की कई तस्वीरें सामने आ रही हैं. ऐसी ही एक तस्वीर दरभंगा के केवटी प्रखंड के असराहा गांव से आई. एक दिव्यांग और गर्भवती महिला को ट्यूब से बने जुगाड़ के सहारे पानी को पार करना पड़ता है, ताकि वो डॉक्टर से अपना इलाज करा सके.
असराहा गांव की रहने वाली अनीसा खातून अपनी बेटी की तकलीफ बताते हुई भावुक हो जाती हैं. उन्हें डर है कि जिस तरह से बाढ़ का पानी बढ़ रहा है उससे आने वाले दिनों में और बुरा हाल हो सकता है.
दरभंगा के केवटी के रहने वाले समाजिक कार्यकर्ता अनीसुर रहमान कहते हैं, ये तो सिर्फ एक परिवार की बात है, यहां तो पूरा गांव ही डूबा है. "पिछले साल भी बाढ़ आई थी, लेकिन सरकार ने इससे कोई सीख नहीं लिया. फसल तैयार थी, सब बर्बाद हो गया. किसान का इलाका है लेकिन किसी को फिक्र नहीं है."
इंसानों के साथ-साथ, जानवरों को भी बचाने की जद्दोजहद
केवटी के ही रहने वाले सतेंद्र कुमार मिश्रा कहते हैं कि इंसानों की फिक्र तो कोई कर ही नहीं रहा है. यहां लोगों के पास भैंस, गाय और बकरी हैं, उसे भी बचाना है, लोगों का घर गिर जा रहा है. किसी तरह जान बचाकर जानवरों को ऊंची जगह ले जा रहे हैं."
नहीं मिली कोई मदद
केवटी प्रखंड के जिला परिषद सदस्य समीउल्लाह खान शमीम बताते हैं कि बाढ़ आने के बाद भी प्रशासन की तरफ से नाव नहीं मिला. शमीम का कहना है, "एक तरफ कोरोना है दूसरी तरफ बाढ़. लोग सब खुद से मैनेज कर रहे हैं. मुआवजा की जरूरत ही नहीं पड़ती अगर सरकार पहले ही सब ठीक इंतजाम कर देती."
बता दें कि बिहार के 10 से ज्यादा जिले मतलब करीब 15 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, जिसमें सबसे ज्यादा असर दरभंगा में देखने को मिल रहा है. एनडीआरएफ की कुल 21 टीमें राज्य के कुल 13 जिलों गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चम्पारण, मुजफ्फरपुर, सारण, सीवान, दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, पटना, अररिया, कटिहार और किशनगंज में अत्याधुनिक बाढ़ बचाव और संचार उपकरणों के साथ तैनात हैं.
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