वीडियो एडिटर: राहुल सांपुई
लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर 31 अगस्त को अपनी जान कुर्बान करने वाले SFF (स्पेशल फ्रंटियर फोर्स) कमांडर नाइमा तेंजिन का लेह में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.
53 साल के तेंजिन पिछले 33 सालों से SFF में कार्यरत थे. नाइमा तेंजिन के भाई तेंजिन न्यानदाक कहते हैं कि 'मैं मानता हूं कि उनकी कुर्बानी बेकार नहीं जाएगी'
पिछले 33 साल से SFF में काम करते हुए उनकी मौत की खबर सुनकर मैं परेशान हो गया था, उनकी उपलब्धियां काफी प्रशंसनीय हैं और साहसिक भी, एक सैनिक होने के नाते देश की सेवा करना नैतिक जिम्मेदारी होती है. अंतिम संस्कार के समय शहीद को सम्मान देने के लिए अविश्वसनीय संख्या में लोग इकट्ठा हुए.
कमांडर तेंजिन का परिवार उन्हें एक विनम्र, चंचल और दयालु इंसान और एक ईमानदार और समर्पित सैनिक के तौर पर याद करता है
नाइमा एक विनम्र, चंचल और दयालु इंसान थे. जबकि वो कंपनी लीडर की रैंक पर थे तब भी वो मेहनती, ईमानदार, समर्पित और जमीनी इंसान रहे. जैसा कि उनके साथी कहते हैं, ‘ये SFF के लिए बड़ा नुकसान है.तेंजिन न्यानदाक, नाइमा तेंजिन के भाई
नाइमा तेंजिन की भतीजी कहती हैं कि वो बहुत खुश रहने वालें लोगों में थे, वो काफी विश्वसनीय और एक समर्पित पिता थे. मैं उनकी अचानक मौत से दुखी हूं लेकिन उनकी उपलब्धियां सच में उल्लेखनीय और प्रेरणादायी हैं.
कमांडर तेंजिन के परिवार में पत्नी- दो बेटे और एक बेटी हैं. वरिष्ठ बीजेपी नेता राम माधव ने कमांडर को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे.
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