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‘कांग्रेस के ‘NYAY’ को लागू करना संभव’, जानिए कैसे

कांग्रेस नेता प्रवीण चक्रवर्ती बता रहे हैं गरीबों के लिए ‘न्याय’ किस तरह अमल में लाई जाएगी

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वीडियो एडिटर: अभिषेक शर्मा

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मार्च में, मतदाताओं को लुभाने के लिए मार्च महीने में ‘मिनिमम बेसिक इनकम गारंटी’ योजना का ऐलान किया . उन्होंने इसे ‘न्याय’ यानी गरीबों को न्यूनतम आय कहा. दावा है कि इस योजना के तहत देश के 20 फीसदी गरीबों को 72 हजार रुपये की सालाना न्यूनतम आय मिलेगी. इस योजना पर 3.6 लाख करोड़ रुपये की लागत आएगी.

लेकिन, राहुल के ‘न्याय’ को लेकर इस बात की चर्चा है कि क्या ये स्कीम मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ बढ़ाएगी?

न्यूनतम आय योजना (NYAY) को लेकर क्विंट ने कांग्रेस के डेटा एनालिटिक सेल के चेयरपर्सन प्रवीण चक्रवर्ती से खास बातचीत की. यहां जानिए इस योजना से जुड़े कुछ अहम पहलू और सवाल-जवाब के अंश.

इस स्कीम का मकसद क्या है?

‘NYAY’ के पीछे की प्रेरणा ये रही कि आर्थिक विकास गरीब तबके तक नहीं पहुंचता है इसलिए पॉलिसीमेकर की तरह सोचते हुए बताना चाहता हूंये ऐसी गारंटी स्कीम है जो सीधे इस तबके को सपोर्ट देगी.

देश में इनकम सर्वे नहीं हुआतो फिर किस सर्वे से तय करेंगे गरीबी के मानक?

आज से 10 साल पहले ये शायद मुमकिन नहीं था लेकिन अब हमारे पास डेटा और जानकारी मौजूद है.  इसमें सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना, IHDS डेटा, इनकम डेटा जैसे सोर्स शामिल हैं.  इसके अलावा भी और तरीकों से भी हम इस तबके को पहचान सकते हैं.

GDP का 18 % हिस्सा होने वाली ‘NYAY’ के लिए पैसा कहां से आएगा? क्या भारतीय अर्थव्यवस्था 7 लाख करोड़ की सब्सिडी का बोझ उठा सकती है?

‘NYAY’ एक फेडरल स्कीम है जिसका मतलब है कि ये केंद्र और राज्य की संयुक्त योजना होगी. अभी केंद्र और राज्य संयुक्त तौर पर 60 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं. ‘NYAY’ में 3.5 लाख करोड़ की जरुरत होगी. हम कई माध्यमों से रेवेन्यू बढ़ा सकते हैं. हमारे हिसाब से GST से ही टैक्स रेवेन्यू बढ़ सकता है या फिर संपत्ति का मुद्रीकरण से. ध्यान रखिए कि ‘NYAY’ असल में अर्थव्यवस्था को बढ़ावा ही देगा. ये योजना लोगों को पैसा देगी जिससे कंजम्पशन बढ़ेगा और उससे निवेश में तेजी आएगी इससे रोजगार का सृजन होगा.

बीजेपी ‘NYAY’ का मजाक उड़ाती है कि इतने सालों में तो गरीबी नहीं हटी तो अब कैसे? इस पर क्या कहेंगे?

ये एक बेकार तर्क है 1947 में 70% गरीबी थी. अब 20% है,  इतने प्रतिशत की कमी को क्या कहेंगे?गरीबी बिलकुल कम हुई है. पूरा विश्व जानता है कि 2004 से 2014 के बीच 140 मिलियन लोग गरीबी रेखा से ऊपर आए थे. इतिहास में ये सबसे बड़ा आंकड़ा है, जब इतने लोगों को एक दशक में गरीबी से निकला गया हो. जैसा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा ‘NYAY’ गरीबी पर आखिरी हमला होगा बचे हुए 20% लोगों को गरीबी से उबारने के लिए.

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