वीडियो एडिटर: शुभम खुराना
कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच ब्लैक फंगस बीमारी के मामले भी देखने को मिल रहे हैं. ब्लैक फंगस इंफेक्शन तेजी से फैलता है और इसकी वजह से लोगों की आंखों की रोशनी चली जाती है या कुछ अंग काम करना बंद कर देते हैं. वहीं कुछ केस में मौत भी हो सकती है.
आइये पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट मैथ्यू वर्गीज से समझिए ब्लैक फंगस के लक्षणों को कैसे पहचानें और किन बातों की रखें सावधानी?
कोरोना के साथ क्यों हुआ ब्लैक फंगस का हमला?
कोविड महामारी के इलाज के दौरान एंटीबायोटिक और स्टेरॉयड देकर हमने नेचुरल बैक्टीरिया व इम्युनिटी को खत्म कर दिया. डायबिटीज के मरीजों के लिए यह और घातक साबित हुआ. ब्लैक फंगस का इलाज समय रहते किया जा सकता है लेकिन आंख और ब्रेन पर असर होने के बाद इसे कंट्रोल करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है.
ब्लैक फंगस के लक्षण क्या हैं?
नाक से काला या भूरा बहाव होना, इससे नाक बंद होने लगता है, गाल और आंख पर सूजन आने लगती है. अगर आंख पर सूजन आने लगती है तो समझिए की हमने इस पहचानने में देर कर दी. इसलिए आंख पर सूजन आने से पहले हमें सावधान हो जाना चाहिए. ब्लैक फंगस के लक्षण कोविड के इलाज के बाद भी उभर सकते हैं. वहीं अस्पताल में भर्ती वेंटिलेटर के मरीजों को भी ब्लैक फंगस होने आशंका रहती है. इसलिए अगर इसके लक्षण को पहचानकर जल्दी से पकड़ लें तो बेहतर है वरना जान जा सकती है.
ब्लैक फंगस से किन लोगों को ज्यादा खतरा?
फंगस या फफूंदी वातावरण में रहती है और गर्मी व नमी हो तो फफूंदी बढ़ती है. आपने अक्सर देखा होगा कि ब्रेड पर कभी-कभी फंग्स लगने से सफेद या एक रंग का दाग दिखने लगता है. ब्लैक फंगस का खतरा आमतौर पर उन लोगों को ज्यादा होता है. जो पहले शुगर के मरीज हों, ज्यादा एंटीबायोटिक लिया हो, कैंसर के मरीज और ट्रांसप्लांट कराने वाले मरीजों में इसकी संभावना अधिक रहती है.
कोरोना के बीच क्यों बढ़ा ब्लैक फंगस का प्रकोप?
शुगर मरीजों को कोरोना हुआ तो ब्लैक फंगस का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है. वहीं अंधाधुंध एंटीबायोटिक का सेवन करने से भी इसका खतरा बढ़ा है. क्योंकि एंटीबायोटिक की वजह से शरीर में मौजूद गुड या नैचुरल बैक्टीरिया खत्म हो जाता है और फंगस को बढ़ने का मौका मिलता है. वहीं कोरोना महामारी के दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता घटने से भी फंगस के बढ़ने की संभावना होती है. इसके अलाव लगातार स्टेरॉयड के इस्तेमाल से रोग इम्युनिटी कम होती है और ब्लैक फंगस होने का खतरा बढ़ता है.
ब्लैक फंगस संकट कितना बड़ा?
देश में कोरोना संक्रमण के मामलों की तुलना में ब्लैक फंगस के केस कम हैं. चूंकि कोविड के केस ज्यादा हैं इसलिए ब्लैक फंगस के और केस आने की आशंका है.
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