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दिल्ली शराब नीति: 'सरकारी गवाह' बने आरोपी ने गिरफ्तारी के 5 दिन बाद BJP को दिया ₹5 करोड़ का चंदा

दिल्ली शराब नीति मामले में 'सरकारी गवाह' बने आरोपी सरथ रेड्डी की कंपनी से बीजेपी को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए कुल मिलाकर ₹34 करोड़ का चंदा मिला है

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ऑरोबिंदो फार्मा के डायरेक्टर सरथ रेड्डी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया और इसके 5 दिन बाद ही इस कंपनी ने बीजेपी को 5 करोड़ रुपये का चंदा इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bond) के जरिए दिया. ये खुलासा 21 मार्च को स्टेट बैंक की तरफ से चुनाव आयोग को सौंपे गए डाटा में हुआ है.

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द क्विंट ने पहले भी अपनी रिपोर्ट में बताया था कि 10 नवंबर 2022 को ED ने दिल्ली सरकार की शराब नीति से जुड़े कथित अनियमितताओं के मामले में रेड्डी को गिरफ्तार किया था. 5 दिन बाद 15 नवंबर को ऑरोबिंदो फार्मा ने 5 करोड़ रुपये का चंदा दिया. चूंकि ये साफ हो चुका है कि किस कंपनी ने किस पार्टी को चंदा दिया तो ये भी स्पष्ट हो चला है कि ये 5 करोड़ बीजेपी को दिए गए थे.

संयोग ये है कि ये खुलासा उसी दिन हो रहा है जब ED दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने उनके आवास पर पहुंची है.

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चंदा देने के कुछ महीनों बाद मई 2023 में दिल्ली हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य से जुड़े कारणों के आधार पर रेड्डी को जमानत दे दी. इसके एक महीने बाद जून 2023 में ED ने रेड्डी को माफी देने के लिए अदालत में अर्जी लगाई. ED ने अदालत से रेड्डी को 'सरकारी गवाह' बनाने का आग्रह करते हुए कहा कि रेड्डी खुद स्वेच्छा से शराब नीति की सारी अनियमितताओं का खुलासा करेंगे. राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने इस अर्जी को स्वीकार कर लिया था.

सरकारी गवाह बनने के बाद ऑरोबिंदो फार्मा ने नवंबर 2023 में 25 करोड़ रुपये का एक और चंदा दिया. गौर करने वाली बात ये है कि ये चंदा रेड्डी को सरकारी गवाह बनाए जाने के 5 महीने बाद दिया गया.

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बीजेपी के अलावा TDP, BRS को भी दिया गया चंदा 

ऑरोबिंदो फार्मा ने कुल 6 बार इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे, इनमें से चार बार चंदा बीजेपी को दिया गया. अप्रैल 2021 में हैदराबाद स्थित इस कंपनी ने तेलुगू देसम पार्टी (TDP) को 2.5 करोड़ रुपए का चंदा दिया. जनवरी 2022 में कंपनी ने बीजेपी को 3 करोड़ रुपये का चंदा दिया. वहीं फिर अप्रैल 2022 में ऑरोबिंदो फार्मा ने 15 करोड़ रुपये का चंदा भारत राष्ट समिति (BRS) को दिया. जुलाई 2022 में कंपनी ने बीजेपी को 1.5 करोड़ रुपये का चंदा दिया. 5 करोड़ और 25 करोड़ रुपये के आखिरी दो डोनेशन बीजेपी को दिए गए.


कुल मिलाकर, ऑरोबिंदो फार्मा ने 52 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे जिनमें से 34.5 करोड़ रुपये बीजेपी के हिस्से में गए. प्रतिशत निकाला जाए तो बीजेपी को 66% मिला.

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दिल्ली शराब नीति से ऑरोबिंदो फार्मा का संबंध 

ऑरोबिंदो फार्मा हैदराबाद स्थित फार्मास्युटिकल कंपनी है, जिसकी शुरुआत 1986 में हुई थी. कंपनी का नाम दिल्ली शराब नीति के कथित घोटाले से जुड़ा, जिसमें मुख्य आरोपी दिल्ली सरकार में प्रमुख पदों पर बैठे लोग थे.

आम आदमी पार्टी (AAP) के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने नवंबर 2021 में शराब नीति लागू की थीलेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के आखिर में इसे रद्द कर दिया. ED के मुताबिक, रेड्डी "साउथ ग्रुप" का हिस्सा थे, जिसने कथित तौर पर आप को 100 करोड़ रुपये का भुगतान किया था, जिसका इस्तेमाल गोवा चुनावों के लिए किया गया. ED ने अदालत को बताया था कि रेड्डी कथित घोटाले के प्रमुख लाभार्थियों में से एक थे. आरोप था कि ये गिरोह "दिल्ली के शराब बाजार के 30 प्रतिशत हिस्से को नियंत्रित करता था". दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस मामले के मुख्य आरोपियों में से एक हैं और फरवरी 2023 से जेल में हैं.

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सरथ रेड्डी पी वी राम प्रसाद रेड्डी के बेटे हैं, जिन्होंने ऑरोबिंदो फार्मा की स्थापना की थी. वह सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक के नित्यानंद रेड्डी के दामाद भी हैं. ऑरोबिंदो फार्मा को 2021-22 में 23,455 करोड़ रुपये के जेनरिक दवाओं के बाजार में एक बड़ा खिलाड़ी माना जाता था. माना जाता है कि YSR कांग्रेस पार्टी के साथ उनके अप्रत्यक्ष संबंध को देखते हुए, सारथ रेड्डी की गिरफ्तारी का राजनीतिक कारण भी था. सारथ के भाई की शादी YSRCP सांसद विजय साई रेड्डी की बेटी से हुई है. विजय साई रेड्डी को आंध्र प्रदेश के सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी का करीबी माना जाता है.

नवंबर 2022 में सरथ रेड्डी की गिरफ्तारी के बाद, अरबिंदो फार्मा ने एक बयान जारी कर कहा, "कंपनी को पता चला है कि सरथ चंद्र की गिरफ्तारी किसी भी तरह से ऑरोबिंदो फार्मा लिमिटेड या उसकी सहायक कंपनियों के संचालन से जुड़ी नहीं है." फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक, सारथ की गिरफ्तारी के बाद ऑरोबिंदो फार्मा के शेयरों में 11.69 फीसदी की गिरावट आई. हालांकि, इस नुकसान के बावजूद कंपनी ने रेड्डी की गिरफ्तारी के बाद 5 करोड़ रुपये का चंदा चुनावी बॉन्ड से दिया.

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ED की तरफ से रेड्डी को सरकारी गवाह बनाए जाने के बाद, एजेंसी ने कहा कि वो स्वेच्छा से दिल्ली सरकार की शराब नीतियों की अनियमितताओं का खुलासा करेंगे.

ऑरोबिंदो फार्मा ने अप्रैल 2021 से नवंबर 2023 के बीच कुल 52 करोड़ रुपये का चंदा दिया. चंदे की सबसे बड़ी रकम नवंबर 2023 में आई जो कि 25 करोड़ रुपये थी. और ये हुआ सरकारी गवाह बनने के 5 महीनों बाद.

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