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गोगोई पर बयान के लिए शर्मिंदा पर माफी नहीं मांगूंगा: मुन्नवर राणा

पीएम को लिखी चिट्ठी पर क्या बोले मुन्नवर राणा?

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वीडियो एडिटर: संदीप सुमन

शायर मुन्नवर राणा ने हाल ही में पूर्व CJI रंजन गोगोई पर राम मंदिर फैसले और गोगोई के राज्यसभा जाने को लेकर हमला बोला था. मुन्नवर राणा ने गोगोई के लिए जिस भाषा का इस्तेमाल किया था, उस पर विवाद हो गया. एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान राणा ने कहा था कि 'राम मंदिर के केस में न्याय नहीं था, वो एक आदेश था.' इसके अलावा मुन्नवर राणा ने गोगोई के राज्यसभा की सदस्यता मंजूर करने पर कहा, "अयोध्या का फैसला सुनाने में उन्होंने खुद को बेच दिया." मां पर शायरी लिखने वाले राणा से क्विंट ने इस मामले में बातचीत की.

राणा ने कहा कि वो अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगेंगे, लेकिन वो इस्तेमाल किए गए शब्दों के लिए शर्मिंदा जरूर हैं.

रंजन गोगोई पर जो मैंने बात कही, उसकी शब्दावली सख्त हो गई. मैं 50 साल से शायरी कर रहा हूं. मैं नर्म लहजे का शायर कहलाता हूं. लेकिन अंग्रेजों ने हमें ये तो बता दिया कि कानून की देवी अंधी होती है, पर ये बताना भूल गए कि कानून बनाने वाले और फैसला करने वाले अंधे नहीं होते. बयान पर माफी नहीं मांग सकता, हालांकि शर्मिंदगी का एहसास जरूर कर सकता हूं. लेकिन जो हुआ वो अच्छा नहीं हुआ. रात में आप कोर्ट से रिटायर होते हैं, सुबह नहा-धोकर राज्यसभा की सदस्यता ले लेते हैं.  
मुन्नवर राणा

पीएम को लिखी चिट्ठी पर क्या बोले मुन्नवर राणा?

मुन्नवर राणा ने अगस्त के शुरुआत में पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर राय बरेली में स्थित अपनी जमीन 'बाबरी मस्जिद' के निर्माण के लिए देने की इच्छा जाहिर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले के फैसले में केंद्र सरकार से मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन देने को कहा था. ये जमीन अयोध्या के धन्नीपुर गांव में दी गई है. राणा ने अपनी चिट्ठी में कहा था कि 'इस जमीन पर राजा दशरथ के नाम से एक अस्पताल बनना चाहिए.'

इस चिट्ठी पर मुन्नवर राणा ने क्विंट से कहा कि सरकार की जमीन पर मस्जिद नहीं बननी चाहिए क्योंकि जब मस्जिद को निकाल ही दिया गया है, तो 18-20 किलोमीटर दूर जमीन देने का कोई फायदा नहीं.

मैंने ये मशविरा दिया कि जो जमीन मस्जिद के लिए दी गई है, वहां राम के पिता दशरथ के नाम का अस्पताल बनाया जाए. क्योंकि ये जो कहा जाता है कि मुसलमानों ने मस्जिद पर 500 साल तक कब्जा कर रखा था, तो दुनिया तक ये भी बात पहुंचे कि मुसलमानों ने अपनी मस्जिद की जमीन पर अस्पताल बनवाया और हिंदुस्तान को सौंप दिया.  
मुन्नवर राणा

मुन्नवर राणा ने कहा कि जहां तक मस्जिद का सवाल है, तो मेरी राय बरेली की पुश्तैनी 5-6 बीघा जमीन का इस्तेमाल किया जा सकता है.

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