विवादित कृषि कानूनों को आखिरकार रद्द करने का ऐलान कर दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन में बताया कि सरकार इन कानूनों को वापस लेने जा रही है. लेकिन पिछले एक साल से आंदोलन कर रहे किसानों का कहना है कि जब तक लिखित में नहीं मिल जाता है वो जश्न नहीं मनाएंगे और दिल्ली की सीमाओं पर बैठे रहेंगे. सिंघु बॉर्डर जाकर हमने कुछ किसानों से पीएम मोदी के इस ऐलान को लेकर बातचीत की.
सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान सुरजीत सिंह ने बताया कि जब से आंदोलन शुरू हुआ है, तभी से वो यहां हैं. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार लिखित तौर पर नहीं देती है कि कानूनों को रद्द करेंगे, तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा. जो किसान इस दौरान शहीद हुए उन्हें हम लोग हर खुशी में याद करते हैं. उनके योगदान को नहीं भुलाया जा सकता है.
वहीं किसान सेवा सिंह ने बताया कि, हम इन कानूनों को बिना रद्द कराए यहां से नहीं उठेंगे. उन्होंने कहा कि हमें अपने आंदोलन की ताकत पर भरोसा था. इसीलिए इतने लंबे वक्त से यहां बैठे हैं.
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