क्विंट पहुंचा है मिजोरम के आइजोल में. हमारे साथ हैं हरंगबाना कॉलेज के छात्र, जो मिजोरम में होने वाले चुनाव पर, राज्य में लोगों की समस्याओं से लेकर और युवाओं के मुद्दों पर हमसे बात कर रहे हैं.
हमने ऐसे युवाओं से बात की है, जो पहली बार वोट डालने जाएंगे. राज्य में रोजगार की हालत से लेकर शराबबंदी, सड़क निर्माण पर बात की है. उन्होंने हमें ये भी बताया कि उन्हें राज्य में बदलाव की जरूरत है. लेकिन कौन-सी पार्टी जीतेगी, इस सवाल पर सभी ने कहा कि वो इस वक्त इसका जवाब नहीं दे सकते, लेकिन वो बदलाव की तरफ जरूर देख रहे हैं.
MNF, कांग्रेस, बीजेपी या ZPM?
ट्रेडिशन या पुरानी: कौन सी पार्टी को करेंगे वोट?
मैं साफ तौर पर नहीं कह सकता, लेकिन मुझे लगता है कि अगर वो जीतते हैं, तो वो क्या बदलाव लाएंगे, मैं कह नहीं सकता. अगर कांग्रेस फिर से जीतती है, तो वो सोसाइटी की बेहतरी के लिए अधिक कोशिश करेगी. फिलहाल की पॉलिटिक्स में ऐसा लगता है कि पार्टी के लिए वफादारी बड़ा फैक्टर है, अगर मेरे पिता कांग्रेस के लिए वोट देते हैं, तो मैं भी कांग्रेस के लिए ही वोट दूंगा, मुझे लगता है कि इन सबको अलग हटाकर बेस्ट पार्टी के लिए वोट करने की जरूरत है.
आप में से कितनों को ये लगता है कि इस बार राज्य में बीजेपी की एंट्री होगी?
मुझे लगता है कि जैसे वो दूसरे राज्यों में हावी हो रहे हैं, वो यहां भी जगह बना सकते हैं. मैंने एक आर्टिकल पढ़ा था कि बीजेपी 4-लेन हाइवे का वादा कर रही है, साथ ही इंजीनियरिंग कॉलेजों को भी खोलने का वादा कर रही है. साफ तौर पर उनके पास संसाधन भी हैं. कांग्रेस अगर मिजो लोगों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी है, तो लोग दूसरे विकल्प पर भी ध्यान दे रहे हैं. मैं कहूंगा कि इस बार बीजेपी के लिए मौका है.
मिजोरम में रोजगार के मुद्दे पर क्या कहेंगे?
जैसा कि हम वेस्टर्न कल्चर में देखते हैं, उनके पास वॉलमार्ट, केएफसी, स्टारबक्स जैसी कंपनियां हैं, वो पार्ट टाइम काम करते हैं और अपनी पॉकेट मनी निकाल लेते हैं. लेकिन मिजोरम में हमारे पास इसके लिए समय नहीं होता. हमारे कॉलेज का समय ऐसा होता है कि हमें समय ही नहीं मिल पाता. अगर समय हो भी, तो जॉब नहीं है. इसलिए अगर कुछ ब्रांड ऐसे आते हैं, तो हमें कुछ अतिरिक्त पैसा कमाने में मदद कर सकते हैं.
मिजोरम में 28 नवंबर को चुनाव होने हैं. कहा जा रहा है कि इस बार मिजोरम में क्षेत्रीय पार्टियों के साथ बीजेपी और कांग्रेस में सीधी टक्कर है. अब देखना ये होगा कि पब्लिक का मूड क्या कहता है और कौन-सी पार्टी जीत का परचम लहराती है?
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