Google की पैरेंट कंपनी Alphabet Inc 12,000 कर्मचारियों को निकालेगी, माइक्रोसॉफ्ट 10,000 कर्मचारियों को, अमेजन 18,000 को, फेसबुक की मूल कंपनी मेटा ने 2022 में 11,000 को निकाला, पिछले साल ट्विटर ने 50% कर्मचारियों को निकाला, BYJU'S ने 2,500 को, अनएकैडमी ने 1,000 को नौकरी से निकाल चुका है.
तो इन बड़ी कंपनियों में छंटनी क्यों हो रही है?
क्या बिग टेक का बुलबुला फूट रहा है?
अब आईटी सेक्टर के स्टूडेंट को क्या करना चाहिए?
हालात कब तक सुधर सकते हैं?
भारत पर इसका क्या असर होगा?
यहां आपको इन सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे.
प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करनी हो और स्टेबिलिटी भी चाहिए तो कोई भी सोचेगा कि दुनिया की दिग्गज MNCs गूगल, फेसबुक, अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट से बेहतर क्या होगा, लेकिन यकीन मानिए यहां भी बुरा हाल है. पिछले एक साल में टेक सेक्टर में करीब एक लाख नौकरियां खत्म हुईं.
अल्फाबेट में रिक्रूटमेंट और कॉर्पोरेट कामकाज से लेकर इंजीनियरिंग और प्रोडक्ट्स की टीम के लोगों को निकाला जा रहा है. Alphabet Inc अपने 12,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही है. मतलब वर्कफोर्स के 6 प्रतिशत की कटौती. Alphabet Inc के सीईओ सुंदर पिचाई ने छंटनी की जिम्मेदारी लेते हुए माफी मांगी है. उन्होंने कहा,
"कुछ अविश्वसनीय रूप से प्रतिभाशाली लोगों को अलविदा कहना होगा जिन्हें हमने काम पर रखने के लिए कड़ी मेहनत की और जिनके साथ काम करना पसंद किया. मुझे इसका बहुत खेद है."सुंदर पिचाई, CEO, Alphabet Inc
गूगल की राइवल कंपनी माइक्रोसॉफ्ट अब तक की सबसे बड़ी छंटनी की तैयारी कर रही है. माइक्रोसॉफ्ट ने भी कहा है कि वो 10,000 कर्मचारियों की छंटनी करेगी. ये पिछले आठ वर्षों में सबसे बड़ी छंटनी होगी.
सॉफ्टवेयर कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO), सत्या नडेला ने लिखा है कि छंटनी मार्च के अंत से पहले होगी और कंपनी के 5% ग्लोबल वर्कफोर्स को प्रभावित करेगी. आखिरी बार माइक्रोसॉफ्ट ने 2014 में 18,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था, क्योंकि कंपनी ने सेलफोन और बाकी नॉनकोर बिजनेस से खुद को बाहर कर लिया था.
अमेजन वैश्विक स्तर पर 18,000 कर्मचारियों की छंटनी कर रहा है. भारत में लगभग 1,000 कर्मचारियों पर इसका असर पड़ेगा.
सिर्फ तीन बड़ी कंपनियों Alphabet, Microsoft Corp., और Amazon.com Inc. में जनवरी 2023 में करीब 30,000 छंटनी हुई हैं.
कंसल्टिंग फर्म चैलेंजर, ग्रे एंड क्रिसमस इंक के मुताबिक, टेक सेक्टर ने 2022 में 97,171 नौकरियों में कटौती की घोषणा की थी, जो पिछले साल की तुलना में 649% अधिक है.
फेसबुक की मूल कंपनी मेटा ने 2022 की सबसे बड़ी छंटनी में से एक को अंजाम दिया था. कंपनी ने 11,000 से ज्यादा कर्मचारियों को यानी 13 प्रतिशत कर्मचारियों को निकाल दिया.
छंटनी की बात होगी तो ट्विटर का नाम भी आना ही है. ट्विटर की कमान संभालने के बाद एलन मस्क ने 50 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी की.
अगर बात भारत की करें तो साल 2022 के आखिर में 'एडटेक सेक्टर' में बड़े स्तर पर छंटनी की खबरें आईं थी. अक्टूबर में, एडटेक कंपनी BYJU'S ने लगभग 2,500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था,
एडटेक स्टार्टअप अनएकैडमी ने तीन दौर की छंटनी की है. लागत में कटौती के लिए कंपनी ने 1,000 से ज्यादा कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया.
इतने बड़े लेवल पर छंटनी क्यों हो रही है?
अब सबसे अहम सवाल है कि इतने बड़े लेवल पर छंटनी क्यों हो रही है? दरअसल, इसके पीछे कई वजह मानी जा रही है. पहला तो कोविड महामारी के कारण पैदा हुआ आर्थिक संकट, दूसरा रूस और यूक्रेन युद्ध. इसके अलावा माना जा रहा है कि कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन के दौरान टेक और ई-कॉमर्स कंपनियों में जबरदस्त हायरिंग हुई थी, ताकि ऑनलाइन डिमांड पूरी हो सके, लेकिन अब IT और टेक सेक्टर में डिमांड में कमी आई है.
मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने 11,000 कर्मचारियों की छंटनी पर कहा था कि महामारी के दौरान टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बढ़ती डिमांड को देखते हुए हमने बड़े पैमाने पर नौकरियां दीं. हमें उम्मीद थी कि ये डिमांड आगे भी बनी रहेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
एक्सपर्ट्स क्या कह रहे?
अब इस छंटनी का असर भारत के आईटी सेक्टर में भी देखने को मिल सकता है. पिछले साल के मुकाबले इस साल भारतीय IT कंपनियों ने नई नौकरियों के 10 फीसदी कम विज्ञापन निकाले हैं. तो अब करना क्या चाहिए? अपग्रेड. टेक्नोलॉजी बदलती रहती है. खुद को अपडेट करेंगे तो जॉब मार्केट में मौजूं बने रहेंगे. जो बेस्ट है उसके लिए मौके हैं. बिजनेस कोच गौरव भगत और गौरव भगत एकेडमी के फाउंडर कहते हैं,
"एक छात्र जो पढ़ाई कर रहा है उसे लग सकता है कि ये डरावना है और काफी मुश्किल भी है. इसके साथ ही ये भी महसूस किया गया कि इसमें पागलों जैसी दौड़ी थी. इससे पहले किसी सॉफ्टवेयर या डेवलपर को नौकरी के लिए बुलाया जा रहा था तो 50 हजार वाला 2.50 लाख मांग रहा था, अवास्तविक और महंगा हो गया था, तो कहीं न कहीं सुधार होना ही था, वही सुधार अब हो रहा है."
उन्होंने आगे कहा कि "अगर आप पढ़ रहे हों तो निराश न हों, ये समय थोड़ा सुधार का है. लेकिन ये भी बीत जाएगा. इस लाइन में छात्र इसलिए आए क्योंकि इसमें उनका जुनून है, उन्हें अपनी पसंद की चीज नहीं छोड़नी चाहिए. अक्टूबर नवंबर तक चीजों में सुधार हो जाएगा."
अब इस छंटनी का असर भारत के आईटी सेक्टर में भी देखने को मिल सकता है. पिछले साल के मुकाबले इस साल भारतीय IT कंपनियों ने नई नौकरियों के 10 फीसदी कम विज्ञापन निकाले हैं. तो अब करना क्या चाहिए? अपग्रेड. टेक्नोलॉजी बदलती रहती है. खुद को अपडेट करेंगे तो जॉब मार्केट में मौजूं बने रहेंगे. जो बेस्ट है उसके लिए मौके हैं. जॉब मार्केट के एक्सपर्ट कहते हैं.
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