वीडियो एडिटरल: पूर्णेंदु प्रीतम/वरुण शर्मा
कैमरा: ऐश्वर्या एस अय्यर
जयपुर में 28 साल कि अदिति के पास बेचलर ऑफ कॉमर्स, मास्टर इन कॉमर्स और बैचलर इन लॉ की डिग्रियां हैं लेकिन अब भी वो नौकरी ढूंढ़ रही हैं. क्विंट से बातचीत में उन्होंने कहा- 'कभी-कभी लगता है कि मैंने जिंदगी में कुछ नहीं किया, हम बहुत निराश हैं'
अदिति सरकारी नौकरी की तलाश कर रही हैं लेकिन उनका कहना है कि वेकेंसी बहुत कम है, अदिति ने प्राइवेट बैंक में भी नौकरी के लिए अप्लाई किया लेकिन वहां से भी उन्हें अब तक कोई जवाब नहीं मिला है. अदिति ने बताया कि उन्हें उन नौकरियों के लिए बुलाया गया जो उनके क्वालिफिकेशन की नहीं हैं.
'प्राइवेट जॉब हैं लेकिन एजुकेशनल क्वालिफिकेशन देखें तो वो इतनी डिजर्विंग नहीं है, अगर आपने मास्टर किया है और एक नौकरी के अप्लाई किया है तो वो आपको एक अकाउंटेंट की नौकरी देने की बात करते हैं, जिसकी तनख्वाह 10-15 हजार रुपये है. इतना पढ़ने के बाद अगर एक अच्छी नौकरी नहीं मिल सकती तो ये ऐसा लगता है जैसे बस टाइम और पढ़ाई दोनों खराब गए.
ऐसी ही समस्या से जोधपुर के 28 साल के हेमंत विजय भी जूझ रहे हैं. उन्होंने आर्ट्स, लॉ में बैचलेर किया है और लॉ में मास्टर किया है और 3 महीने की कम्प्यूटर ट्रेनिंग भी ली है ताकि नौकरी मिलने में और आसानी हो. 'कम्प्यूटर के बेसिक फंक्शन इंटरनेट जैसी चीजें आजकल हर नौकरी में चाहिए' और इन सब के बाद भी कोई भी अच्छी नौकरी नहीं मिल रही है
वक्त का भी दबाव पड़ता है, ‘जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है तो आपके पास नौकरी होना ज्यादा जरूरी हो जाता है, और आजकल उसकी अहमियत ज्यादा है जिसके पास नौकरी है.’
वैकेंसी को लेकर हेमंत कहते हैं कि-
वैकेंसी नहीं है, पूरे भारत में कम से कम 5000 जज हैं, जगह खाली पड़ी हैं लेकिन वैकेंसी नहीं खुलती है, JLO का मतलब है जूनियर लॉ ऑफिसर, लगभग इसकी वैकेंसी निकले 5 साल हो जाएंगे, और ये तो बस एक उदहारण है, इस तरह ही कई ऐसी नौकरियां हैं जगह खाली हैं लेकिन वैकेंसी नहीं खुल रही है.हेमंत
अगर आप राजस्थान का बेरोजगारी का आंकड़ा देखें तो सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2016 के 6.7% का आंकड़ा मार्च 2019 में 10% तक बढ़ गया.
2013 की वसुंधरा राजे की सरकार ने 15 लाख रोजगार देने का वादा किया था लेकिन वो असफल रहीं. मोदी सरकार का कहना था कि वो हर साल 2 करोड़ रोजगार देंगे लेकिन वो भी असफल रहे, अब देखना ये है कि राजस्थान में 2014 लोकसभा चुनाव में 25 सीट जीतने वाली बीजेपी इस बार वोटरों को लुभाने में कामयाब होती है या नहीं.
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