वीडियो एडिटर: पूर्णेंदु प्रीतम
भगत सिंह की विचारधारा को मानने वाले 20 साल के छात्र हरजीत सिंह को कथित रूप से 26 जनवरी को दिल्ली में अमित शाह की चुनाव रैली में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ नारेबाजी करने के लिए पीटा गया.
उन्होंने कहा- “मेरे एक दोस्त ने CAA के विरोध में सीलमपुर में चल रहे प्रदर्शन की जानकरी दी, मुझे जगह के बारे में पता नहीं था, मैं मौजपुर के मेट्रो स्टेशन से उतरा और प्रदर्शन की जगह ढूंढने लगा. जैसे ही मैं मेट्रो से उतरा मैंने भारी सिक्योरिटी देखी, मैंने एक अफसर से पूछा कि ये सिक्योरिटी क्यों लगी है, तो उन्होंने बताया कि अमित शाह आ रहे हैं, मैंने इस पर ध्यान नहीं दिया और मैं CAA प्रदर्शन की जगह ढूंढने निकल गया लेकिन मुझे वो मिली नहीं.”
जब मैं वापस आ रहा था तो मैंने अमित शाह को स्क्रीन पर देखा, मैंने सोचा अमित शाह हमेशा कहते हैं कि वो डिबेट के लिए तैयार हैं. देश में बोलने की आजादी है, कोई भी कुछ भी कह सकता है. वो हमेशा एक घमंड से बोलते है, मैंने सोचा क्यों न इनका घमंड आज तोड़ा जाए और इन्हें सच बताया जाये कि देश में बोलने की आजादी का क्या मतलब होता है.हरजीत सिंह
हरजीत ने 'CAA वापस लो' और 'NRC वापस लो' के नारे लगाए थे. उसके बाद उन्हें जमीन पर गिरा दिया गया, वो कहते हैं , “शुक्र है मुझे ज्यादा चोट नहीं आई, लेकिन मेरा ब्लड प्रेशेर कम हो गया था. पुलिस ने मुझे भीड़ से निकाला और थाने ले गई, उन्होंने मुझे मेडिकल सुविधा भी नहीं दी'
'पुलिस ने मुझे लिखकर साइन करने को कहा कि मेरी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है'
पुलिस ने मुझे एक लेटर लिखने को कहा, मेरे पिताजी उस वक्त वहां मौजूद थे, लेटर में मुझे लिखना था कि ‘मेरी मानसिक स्थिति सही नहीं है और इस वजह से मैं क्या बोल रहा हूं, ये मुझे नहीं पता है’ जैसे ही मैंने ‘मानसिक’ पढ़ा मैंने अपने पिता को देखा. मेरे पिता ने कहा कि मैं साइन कर दूं, मुझे लगा कि अगर मैंने साइन नहीं की तो मुझे गिरफ्तार कर लेंगे और मैं अपनी आवाज नहीं उठा पाऊंगा, तो मैंने साइन कर दी.हरजीत सिंह
हरजीत IPS अफसर बनना चाहते हैं, उनका कहना है कि 'मेरे रिकॉर्ड के कारण, मेरा सपना अब शायद पूरा नहीं हो पाएगा' लेकिन वो बताते हैं कि वो जब तक जिंदा हैं तब तक अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.
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