वीडियो एडिटर: अभिषेक शर्मा
CAA और NRC के खिलाफ दुनियाभर में रह रहे भारतीय भी प्रदर्शन कर रहे हैं. न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से लेकर शिकागो, वाशिंगटन, मैसाचुसेट्स में 'हल्ला बोल' और 'आजादी' के नारे लगाए जा रहे हैं.
लोगों ने कहा कि भारतीय संविधान में लिखा गया है कि धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा और हमारा यहां पर प्रदर्शन करने का मकसद है कि हमारी आवाज देश में सुनी जाए.
न्यूयॉर्क में प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाली एक भारतीय महिला कहती है,
मैं एक मुसलमान हूं लेकिन मेरे पति मुसलमान नहीं हैं. वो हिंदू हैं इसका मतलब मेरे बच्चे दोनों धर्मों के हैं. हमारा यहां होना बहुत जरूरी है क्योंकि मैं चाहती हूं कि मेरे बच्चे दोनों ही महान संस्कृति से कुछ सीखें न कि उन्हें कुछ खोना पड़े. हम इसके बारे में घर पर भी बात करते हैं. मैं चाहती हूं कि मेरे बच्चे सीखें कि हर भारतीय समान है और और उनके माता-पिता के धर्म में कोई अंतर नहीं है.
न्यूयॉर्क में रहने वाले भारतीय मूल की एक युवती ने कहा कि- 'भारत, जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र था- अब नहीं है. क्योंकि हमारे संविधान में लिखा है कि धर्म के नाम पर किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा और न जाति को लेकर भेदभाव होगा तो अब इसके बाद हमें सबसे बड़े लोकतंत्र का दिखावा करना बंद कर देना चाहिए और मैं यहां इसके खिलाफ प्रदर्शन करने आई हूं.
CAA-NRC के खिलाफ सिर्फ न्यूयॉर्क ही नहीं शिकागो, वाशिंगटन, मैसाचुसेट्स, बार्सिलोना, बर्लिन, लंदन में भी प्रदर्शन हो रहे हैं. जमा देने वाली सर्दी में प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में हेग पहुंचे. जेनेवा में प्रदर्शनकारियों ने संविधान के हिस्से पढ़कर विरोध जताया.
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