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Ishrat Jahan Interview: ‘’जेल में शुरूआती कुछ महीने बेहद भयानक थे’’

इशरत जहां ने अपनी गिरफ्तारी और जेल के अपने अनुभव के बारे में क्विंट से की बातचीत.

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जब दिल्ली की एक सेशन कोर्ट ने 14 मार्च 2022 को इशरत जहां (Ishrat Jahan) को जमानत देने का आदेश दिया, तब मंडोली जेल में उसके बैरक की साथी महिला कैदी खुश भी थीं और दुखी भी. खुशी इसलिए क्योंकि 25 महीने की जेल के बाद इशरत को घर जाने का मौका मिल रहा था और दुःख इस बात का कि वे अपनी दोस्त, साथी और योगा टीचर को खो देंगी.

उस रात इशरत जहां देर तक उनके साथ बातें करती रहीं और उनमें से कुछ ने उनके पैरों पर मेहंदी लगाना शुरू कर दिया.

इशरत कहती हैं- "उन्होंने कहा कि शादी के छठे दिन जब आप जेल आई थीं तब आपकी मेहंदी भी फीकी नहीं पड़ी थी. इसलिए अब हम चाहते हैं कि आप मेहंदी लगाकर ही अपने घर वापस जाएं."

नई दिल्ली के खुरेजी से कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां को 26 फरवरी 2020 को दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया गया था.

रिहा होने के एक हफ्ते बाद इशरत जहां ने अपनी गिरफ्तारी और जेल के अपने अनुभव के बारे में अपने घर पर क्विंट से बात की.

जेल में था अकेलापन, लेकिन डायरी लिखने की आदत ने की मदद

इशरत ने बताया कि "आमतौर पर हमें कभी भी सोफे पर बैठने जैसी साधारण चीज का क्या महत्व है, इसका एहसास नहीं होता. लेकिन जब मैं जेल से घर पर आई और अपने सोफे पर बैठी तो आंखों में आंसू आ गए. पिछले 25 महीने तक मैं सिर्फ 5.5 फीट की कार्पेट पर बैठी थी".

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कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत ने कहा कि उन्हें अभी भी घर का खाना खाने की आदत नहीं हुई है और वह ज्यादातर लिक्विड डाइट ले रही हैं. उन्होंने इसकी वजह बताई कि " मैं ज्यादातर जेल में केवल दूध पीती थी"

"कोई यह समझ भी नहीं सकता कि जेल केखाना और हमारे घरों के खाने में कितना फर्क है”
इशरत जहां

लेकिन इशरत जहां का मानना है कि शारीरिक चुनौतियों ने नहीं बल्कि भावनात्मक चुनौतियों ने उनपर असर डाला था.

"शुरु में वहां कोई भी कैदी मुझसे बात नहीं करता थी, बाद में जब उन्हें पता चला कि मैं खुद एक वकील हूं तो उन्होंने मुझसे बात करना शुरू कर दिया. उन्होंने मुझे बताया कि जेल प्रशासन ने उन्हें मुझसे दूर रहने का आदेश दिया है और मेरे बारे में बताया है कि- वह एक आतंकवादी है और यदि तुम उससे दूर नहीं रही तो तुम्हें सजा मिलेगी- बहुत परेशान करने वाला था”
इशरत जहां

हालांकि हुआ इसके उलट. बाकी महिला कैदी इशरत के करीब आई गयीं. उस अकेलेपन में इशरत को घर से आई किताबों, उनका नियमित डायरी लिखना और कभी-कभी अपने पति को लेटर लिखने ने मदद की.

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ससुराल से मिला साथ

जून 2020 में इशरत को उनकी शादी के लिए 10 दिनों की अंतरिम जमानत दी गई थी.

उन्होंने कहा कि "मेरा विश्वास करो मैंने उन 10 दिनों में अपना समय अपने परिवार को दिया, ऊपर वाले का शुक्रिया अदा किया. मैं बाकी सब कुछ भूल गई हालांकि मुझे पता था कि मुझे बहुत जल्द जेल वापस जाना होगा”

उसने अपने ससुराल वालों और उनके द्वारा दिए समर्थन के बारे में भी खुलकर बात की.

“मुझ पर UAPA का आरोप लगाया गया था, लेकिन वे फिर भी शादी के लिए राजी हो गए. जेल में मैंने महिलाओं को अपने ऊपर लगे आरोपों के कारण पति से अलग होते देखा है लेकिन मैं इस मामले में लकी हूं. मेरे ससुराल वालों ने मुझे बिना शर्त अपना सहयोग दिया”
इशरत जहां

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