वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज
झारखंड में पश्चिमी सिंहभूम के चिरियाबेड़ा टोला, अनजेडबेड़ा गांव के ग्रामीणों ने CRPF पर बेवजह पीटने का आरोप लगाया है. ग्रामीणों का आरोप है कि 'CRPF ने इस दौरान दिव्यांग और बुजुर्ग महिला को भी नहीं छोड़ा.
आदिवासियों के इस गांव वालों के मुताबिक CRPF के जवान नक्सिलयों के बारे में पूछताछ करने आए थे. उन्होंने ग्रामीणों से पूछताछ की. लेकिन ग्रामीण भाषा नहीं समझ पाए और जवाब नहीं दे पाए, इसी बात पर जवानों ने लोगों की पिटाई कर दी.
अनजेडबेड़ा गांव में रहने वाले डुबो सुरीन का कहना है कि उन्हें CRPF ने पेट के बल लिटा कर पीटा, उनकी रीढ़ की हड्डी में अबतक दर्द हो रहा है. गांव में ही रहने वाले तुराम तोसोय बताते हैं कि- 'लगभग बीस ग्रामीण घर की छावनी कर रहे थे, उसी दरम्यान CRPF ने घर को घेर लिया'
ग्रामीण गुना गोप बताते हैं कि CRPF ने बुजुर्गों को भी नहीं बक्शा- 'बचपन से मेरा एक हाथ टूटा हुआ है. लेकिन उन लोगों ने कहा कि ये तो गोली से खराब हुआ है. बोले इसके बाल भी वैसे ही हैं, इसको नहीं छोड़ेंगे, एक बुजुर्ग महिला बचाने आई तो उन्हें उठाकर दूर फेंक दिया'
उस दिन गुना को पुलिस के जवान पीट रहे थे. मैं बचाने गई मुझे तीन जवानों ने जमीन पर पटक दिया. मुझे पीटा. घर का सामान बाहर फेंक दियागनोर तमसोय, ग्रामीण
तुराम तुसोय बताते हैं कि CRPF की इस बर्बरता के खिलाफ जब वो थाने में FIR दर्ज कराने गए तो पुलिस ने FIR लिखने से इनकार कर दिया, जिसके बाद तुसोय ने इस मामले की ऑनलाइन FIR दर्ज की. इस मामले में एसपी इंद्रजीत महाथा कहते हैं कि-
ग्रामीणों के साथ जो मिस हैंडलिंग की बात आई है उसके लिए एक FIR हुई है, थोड़ा एंजाइटी में जो अनप्रोफेशनल तरीके से हैंडिलिंग किया गया है उसके लिए विधिवत कार्रवाई की है, उनके साथ हमारे रिश्ते मधुर हैं वह बने रहेंगे साथ ही साथ एंटी नक्सल अभियान जारी रहेगा.
जब इस बारे में क्विंट ने CRPF से उनका पक्ष जानने की कोशिश की तो प्रवक्ता एम दिनाकरन ने ग्रामीणों के आरोपों पर जांच बिठाई गई है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)