5G के खिलाफ जूही चावला की याचिका दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दी. साथ ही उनपर जुर्माना भी लगाया था और इसे पब्लिसिटी स्टंट जैसा भी बताया था. अब जूही चावला ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से एक वीडियो साझा कर कहा है कि कि मामले के इर्द-गिर्द 'शोर' में महत्वपूर्ण बात कहीं खो गयी.
हम 5G के खिलाफ नहीं थे. आप इसे जरूर लेकर आई लेकिन सर्टिफाई कर दीजिए कि ये सुरक्षित है, स्टडी, रिसर्च के जरिए ये पुष्टि कर दीजिए कि 5G से कोई नुकसान नहीं है और इसे पब्लिक डोमेन में डाल दीजिए. हम जानना चाहते हैं कि ये बच्चों, गर्भवती महिलाओं, पेड़ पौधे के लिए ये सुरक्षित तो है. इतना ही है जो हम जानना चाहते हैं.जूही चावला
जूही चावला ने दायर की थी याचिका
जूही चावला ने 5जी तकनीक को लेकर चिंता जताते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में एक मामला दायर किया था. अधिवक्ता दीपक खोसला के माध्यम से दायर किए गए इस मुकदमे में अधिकारियों से यह स्पष्ट करने की मांग की गई है कि क्या जीवित जीवों के लिए 5G से कोई खतरा होगा.
कोर्ट ने लगाया था 20 लाख का जुर्माना
इस मामले को बाद में जस्टिस जेआर मिधा की अध्यक्षता वाले उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था. कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं पर 20 लाख का जुर्माना भी लगाया. जस्टिस मिधा ने कहा था, "याचिकाकर्ताओं ने कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग किया. जिसके लिए उन पर 20 लाख रुपये का जुरमाना लगाया जाता है. ऐसा प्रतीत होता है कि मुकदमा प्रचार के लिए था. जूही चावला ने सोशल मीडिया पर सुनवाई का लिंक प्रसारित किया."
जूही, वीरेश मलिक और टीना वाचानी द्वारा दायर की गई मूल याचिका में दावा किया गया था कि 5जी का परीक्षण नहीं किया गया तो यह 'पर्यावरण के लिए अपरिवर्तनीय क्षति' का मामला बन सकता है.
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