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जब फेक न्यूज फैलाने वाले कर्नाटक के प्रोफेसर खुद हो गए इसका शिकार

फेक न्यूज शेयर करने वाले प्रोफेसर संदीप खुद ही इस तरह के मामले का शिकार हुए

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वीडियो प्रोड्यूसर: देबायन दत्ता

वीडियो एडिटर: पूर्णेन्दु प्रीतम

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कर्नाटक के बीजापुर में एक प्रोफेसर को घुटनों के बल बैठकर माफी मांगने को मजबूर कर दिया गया. प्रोफेसर संदीप वथार पर सोशल मीडिया पर कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी पोस्ट शेयर करने का आरोप है. प्रोफेसर का माफी मांगने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ.

प्रोफेसर संदीप ने इसी बारे में क्विंट से बात की.

मैंने Brut India का एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें इमरान खान बता रहे थे किअगर दो परमाणु संपन्न देश युद्ध में उतरते हैं तो लाखों लोगों की जिंदगी तबाह होगी, उसी संदर्भ में मैंने लिखा था “कौन इसमें ज्यादा बुद्धिमान दिख रहा है”?
संदीप वथार, प्रोफेसर, सिविल इंजीनियरिंग
फेक न्यूज  शेयर करने वाले प्रोफेसर संदीप  खुद ही इस तरह के मामले का शिकार हुए
संदीप वथार का फेसबुक पोस्ट जो बाद में हटा दिया गया
(फोटो: फेसबुक स्क्रीनशॉट)

प्रोफेसर संदीप के इसी पोस्ट को लेकर बवाल हो गया और ABVP के 100 से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने उनसे माफी मंगवाई. घटना के वक्त कुछ पुलिसवाले भी मौजूद थे. हालांकि मामले को लेकर प्रोफेसर ने अब पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी है. संदीप की शिकायत है कि लोगों ने उनके पुराने पोस्ट नहीं पढ़े और इसी एक पोस्ट के आधार पर उन्हें राष्ट्र विरोधी घोषित कर दिया.

मुझे ये अपमानजनक नहीं लगता, मुझे डर भी नहीं लग रहा. मैं गुस्से में भी नहीं हूं, ये सिर्फ मेरे साथ की गई बेहूदी हरकत थी. 
संदीप वथार, प्रोफेसर, सिविल इंजीनियरिंग

“फेक न्यूज का हुआ शिकार”

संदीप वथार बीजापुर के वाचना पितामह डॉ. पीजी हलकट्टी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नॉलोजी के प्रोफेसर हैं.

ये कॉलेज बीजापुर लिंगायत डेवलपमेंट एजुकेशन सोसाइटी संचालित करता है. सोसायटी कर्नाटक के गृहमंत्री और कांग्रेस नेता एमबी पाटिल का है.

“मैंने अक्सर अपने आसपास की कई घटनाओं की फर्जी खबरें शेयर की हैं अब मैं उसी फर्जी खबर का शिकार हो गया हूं. मैं उम्मीद करता हूं कि फेसबुक पर जो पोस्ट शेयर करता हूं वो सभी पढ़ते हैं उन्हें ही निष्कर्ष निकालना चाहिए कि मैं एंटी नेशनल हूं या नहीं.”

फेक न्यूज को हमेशा शेयर करने वाले संदीप जब खुद ही इस तरह के मामले का शिकार हुए तो वे उम्मीद करते हैं कि लोग आगे से खुद ही चीजों को पढ़ने और समझने के बाद ही किसी तरह के फैसले पर पहुंचेंगे.

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