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फरीदाबाद के एक लाख लोगों का छिन गया घर

Khori Village में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तोड़फोड़ शुरू

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वीडियो एडिटर: शुभम खुराना

फरीदाबाद नगर निगम के अधिकारियों ने बुधवार 14 जुलाई को खोरी गांव में कई घरों को ध्वस्त कर दिया. सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद 7 जून से ये तोड़फोड़ का अभियान शुरू हुआ था. आदेश में कहा गया कि गांव अरावली वन भूमि पर अतिक्रमण है. नगर निगम के इस कार्रवाई का ग्रामीण काफी विरोध कर रहे हैं.

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सुप्रीम कोर्ट ने जून में नगर निगम को गांव खाली करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया था.

क्विंट से बात करते हुए, गांव की निवासी रेखा ने कहा कि जिन घरों को खाली नहीं किया गया था और लोग उनमें अभी भी रह रहे थे उनमें से कई घरों को अधिकारियों ने ध्वस्त कर दिया. वो भी ग्रामीणों के लिए बिना किसी ठोस पुनर्वास योजना बनाए.

"भारी पुलिस की तैनाती है और ग्रामीणों को तोड़फोड़ वाली जगह जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. कई ऐसे घर हैं जहां लोग अभी भी रह रहे थे. उनके पास रहने के लिए कोई जगह नहीं है."
रेखा, खोरी गांव निवासी
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सरकार की पुनर्वास योजना से कई लोग बाहर

फरीदाबाद नगर निगम ने मंगलवार को 'खोरी झुग्गी निवासियों के पुनर्वास के लिए नीति' की घोषणा की, ये केवल उन निवासियों पर लागू होगा जिनकी वार्षिक आय 3 लाख रुपये तक है और उन्होंने तीन शर्तों में से एक को पूरा किया हो:

स्नैपशॉट
  1. अगर परिवार के मुखिया का नाम 1 जनवरी 2021 तक बड़कल विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में दर्ज है.

  2. अगर परिवार के मुखिया के पास 1 जनवरी 2021 तक हरियाणा द्वारा जारी पहचान पत्र है.

  3. अगर परिवार के किसी सदस्य के पास डीएचबीवीएन द्वारा जारी बिजली कनेक्शन है.

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इस नीति के अनुसार, इन परिवारों को डबुआ कॉलोनी और बापू नगर में ईडब्ल्यूएस फ्लैटों में स्थानांतरित किया जाएगा.

इससे पहले, 30 जून को, पुलिस ने अंबेडकर पार्क में होने वाली एक महापंचायत से पहले भगत सिंह छात्र एकता मंच के नेता रविंदर और राजवीर कौर सहित कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया था.

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