(अगर आप या आपका कोई परिचित मानसिक तनाव से गुजर रहा है, तो उनकी मदद करें और इन लोकल इमरजेंसी सेवाओं, हेल्पलाइन और मेंटल हेल्थ NGO के नंबरों पर कॉल करें.)
पूरे देश में कोचिंग के हब के रूप में पहचाने जाने वाले राजस्थान का कोटा एक बार फिर सुर्खियों में है. कोटा में पढ़ने वाले तीन स्टूडेंट्स की खुदकुशी से मौत हो गई है. स्टूडेंट्स कोटा में IIT और NEET की तैयारी कर रहे थे.
मृतक स्टूडेंट्स में दो बिहार और एक मध्य प्रदेश के रहने वाले थे, जिनकी उम्र 16, 17 और 18 साल थी. बिहार निवासी अंकुश और उज्जवल एक ही हॉस्टल में रहते थे. इन छात्रों में अंकुश और प्रणव नीट, तो वहीं उज्जवल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करता था.
उज्जवल के दोस्त ने बताया क्या हुआ था? उज्जवल के दोस्त ने बताया कि वो एक दिन पहले ही उनसे मिले थे, और मुलाकात में उन्हें ऐसा नहीं लगा कि वो तनाव में हैं. उन्होंने बताया, "मैं एक मेडिकल पर दवाई ले रहा था, उसी समय उसकी बहन का फोन आया. मैं भागते-भागते पहुंचा तो देखा कि हॉस्टल के बाहर काफी पुलिस थी. उज्जवल मेरा बचपन का दोस्त था. वो छह महीने पहले ही कोटा आया था. मेरी उससे एक दिन पहले ही बात हुई थी. हंसी-मजाक करते हुए बात हुई. देखकर ऐसा लगता नहीं था कि तनाव में है."
कोटा SP केसर सिंह ने कहा कि पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है कि किन कारणों से बच्चों ने ऐसा कदम उठाया. उन्होंने कहा,
"हालात से ऐसा लग रहा था कि बच्चों का सामान्य आचरण नहीं था. एक-दो बच्चे ऐसे थे, जो कोचिंग भी मिस कर रहे थे. साथ के बच्चों का भी जिम्मेदार व्यवहार नहीं था. एक बच्चे के रोने की आवाज सहपाठियों ने सुनी थी, लेकिन किसी ने दखल नहीं दिया. अगर साथ वाले बच्चों में एक सहयोग की भावना होती, तो शायद बच्चे बच सकते थे."
दो सालों में कोटा में खुदकुशी से 620 मौतें
स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, कोटा में साल 2018 से 2020 के बीच, कोटा में खुदकुशी से मौत के 620 मामले सामने आए. इसमें कोटा सिटी में 413 और रूरल में 197 मामले थे.
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान में साल 2019 के दौरान आत्महत्या के कुल 4531 मामले सामने आए थे.
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