- वीडियो एडिटर: पूर्णेंदु प्रीतम
- वीडियो प्रोड्यूसर: मौसमी सिंह/कनिष्क दांगी
ये जो इंडिया है ना.. यही अगर राशिद और पिंकी (Rashid & Pinky) ने की है शादी.. तो यूपी पुलिस क्यों बन रही है कबाब में हड्डी ? जी हां, उत्पीड़न ,हरासमेंट शुरू हो चुकी है. राशिद और पिंकी की शादी जुलाई में हुई थी. पिछले हफ्ते मुरादाबाद में मैरिज सर्टिफिकेट लेने गए , लेकिन शादी की बधाई की जगह राशिद और उनके भाई पहुंचे यूपी पुलिस की हिरासत में, और पिंकी महिला शेल्टर होम में. क्यों ?
यूपी के असंवैधानिक, नफरती और बाटने वाली एंटी लव जिहाद कानून (Anit Love-Jihad Law) की वजह से , जिला मजिस्ट्रेट को ये समझाने में 2 दिन लग गए कि, पिंकी बालिग है और उसने अपनी मर्जी से राशिद से शादी की है. तब जाके वो अपने ससुराल लौटी. जबकि राशिद अभी भी जेल में बंद है, उनका गुनाह सिर्फ प्यार करना था.
बरेली ,कुशीनगर ,मऊ, लखनऊ , सीतापुर... उत्पीड़न, धमकी, मारपीट की कहानियां, पूरे यूपी से आ रही हैं. और अगर ये नफरत से भरा एक्सपेरिमेंट यूपी में काम कर गया तोह BJP शाशित चार और राज्य इस कानून को लागू करने की लाइन में लगे हैं. इसीलिए ये समझाना बहुत जरूरी है कि कैसे लव जिहाद का ये कॉन्सेप्ट फर्जी है. किस चालाकी से इस साधारण लेकिन खतरनाक शब्द को बेचा जा रहा है. और देश में सांप्रदायिक राजनीति करने वालों के लिए लव जिहाद की अवधारणा इतनी महत्वपूर्ण क्यों है ?
एक वीडियो अक्टूबर 2020 में वायरल हुआ था, दावा किया गया कि ये एक हिंदू पिता अपनी बेटी से एक मुस्लिम शस्क से शादी ना कराने की गुजारिश कर रहा था , इसे लव जिहाद का मामला बताते हुए राइट विंग कॉमेंटेटर शिफाली वादियां ने फेसबुक पर शेयर किया, इस वीडियो ने मेरा दिल तोड़ दिया... हिंदू पिता अपनी बेटी से लव जिहाद का शिकार ना बनने की गुजारिश कर रहा है. वो तीसरी पत्नी के रूप में पांचवें बच्चे को जन्म देगी. या फिर उसका सर कलम करा दिया जाएगा.
रैनी लिन ( Renee Lynn) ने इस वीडियो पर ट्वीट किया , एक और हिन्दू बेटी को इस्लाम की शादी में धोखा मिला. उसे इसका पछतावा होगा क्योंकि शादी के तुरंत बाद उसे मार दिया जाएगा , लेकिन सच कुछ और है. क्विंट की फेक न्यूज़ टीम ने पता किया कि इस मामले में पति मुसलमान था ही नहीं !! पति पत्नी का नाम लखाराम और सीता था.
दोनों ही राजस्थान के.. हिन्दू !!! और इस तरह से हमारे देश के सेकुलरिज्म को तोड़ने के इरादे से लव जिहाद के बारे में झूठ फैलाया जा रहा है.
हमारे गली मोहल्ले में , WhatsApp पर ये लोग मिल जाएंगे... लव जिहाद के खिलाफ झूठ, नफरत और हिंसा फैलाते हुए. ये समझाना महत्वपूर्ण है कि उनका दिमाग कैसे काम करता है ये सुनिए...
मेरी कलीग् अस्मिता नंदी.. इन लोगों से निकिता तोमर के घर के बारे में मिली... जिनकी अक्टूबर 2020 में एक ऐसे आदमी ने गोली मारकर हत्या करा दी थी, जो 2 साल से उनका पीछा कर रहा था. क्योंकि वो आदमी मुस्लिम था... और निकिता हिंदू, इसलिए मामले को लव जिहाद का झूठा मोड़ दे दिया गया-
ये लव जिहाद है क्योंकि जब भी वोह आदमी उस लड़की से मिला था , उसे अपना नाम हिंदू ही बताता था , उसने अपना सही मुस्लिम नाम तभी बताया जब लड़की उसके प्यार में पड़ चुकी थीसंजय चौहान, जनरल सेकेट्री , करणी सेना
लेकिन निकिता के पिता ने हमें बताया कि आरोपी कभी भी हिंदू नाम लेकर निकिता से नहीं मिलता था...
ऐसा बताया जा रहा है कि उसने अपना नाम राहुल बताया था, मुझे इन सब के बारे में कुछ नहीं पता, मुझे ये भी नहीं पता कि लव जिहाद क्या है ?निकिता के पिता
सच्चाई ये है कि निकिता का अपराधी इलाके के एक राजनीतिक परिवार से जुड़ा हुआ था , उसे लगातार निशाना बनाया जा रहा था. यही इस अपराध से निपटने की जरूरत है , वो है स्टाकिंग. यानी महिला का लगातार पीछा करना. स्टॉकर ने लड़की पर एसिड से हमला कर दिया, स्टॉकर ने लड़की को गोली मार दी.... ऐसी हैडलाइन हम सब पढ़ चुके हैं.
ये हिंदू-मुस्लिम मामले नहीं है, ये औरतों पर अत्याचार, जेंडर वायलेंस का मामले हैं. जो बाल विवाह, ऑनर किलिंग , मैरिटल रेप जैसे औरतों के खिलाफ अपराधियों की सूची में आते हैं. क्या हमारी पुलिस और कानून व्यवस्था को इन पर ध्यान नहीं देना चाहिए? बजाय इसकी हम लव जिहाद जैसे काल्पनिक चीजों से लड़ रहे हैं ??
लेकिन सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई है... और कई एक्सपर्ट मानते हैं कि कानूनों को असंवैधानिक माना जाएगा
जिसके कई कारण हैं:
- पहला कारण: केंद्र सरकार और पुलिस ने अभी तक लव जिहाद के नाम पर कोई अपराध दर्ज नहीं किया है.
- दूसरा कारण: जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ पहले से ही देश में कानून है.
- तीसरा कारण: कोई भी कानून को विवाह के लिए सहमति देने वाले बालिक व्यक्ति के रिलिजियस कन्वर्जन को अवैध घोषित करता है , वो देश के संविधान का उल्लंघन करता है.
लेकिन मुझे नहीं लगता कि यूपी की सरकार बहुत निराश होगी... अगर सुप्रीम कोर्ट ने उनका लव जिहाद विरोधी कानूनों को नामंजूर कर दिया. क्योंकि इस तरह का कानून पास होने उनके लिए बोनस है. सालों से उनके लिए इतना ही काफी रहा है कि लव जिहाद एक चर्चा का मुद्दा बना रहे - राजनीतिक भाषाओं में, सोशल मीडिया पर फर्जी समाचार के रूप में , या गोदी मीडिया के टीवी स्टूडियो के डिस्कशन में. वस्विक उद्देश्य क्या है? देश के मुस्लिम आबादी को बुरा बताना. अब एक पूरे समुदाय को आतंकवादी भुलाना आसान नहीं है.
लेकिन प्यार , उस सबसे स्वभाविक , अद्भुत और ह्यूमन फीलिंग को.. प्यार को एक साजिश के रूप में प्रस्तुत करके... लव जिहाद का नाम देख कर के...इस तरह से एक समुदाय को बदनाम करना, देश की नफरती ब्रिगेड के लिए ज्यादा आसान है. और इस जालिम को कानून की अदालत में साबित करने की जरूरत भी नहीं है. इसके लिए सिर्फ भोली जनता का विश्वास हासिल करना जरूरी है.
यही कोई कोर्ट लव जिहाद के विचार को हरा नहीं सकता... ये तभी होगा जब देश का हर धर्मनिरपेक्ष, हर सेकुलर इंसान इससे अपने दिल और दिमाग से खारिज करेगा !!!
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)