लखनऊ (Lucknow) में अपने ही कुत्ते पिट बुल की शिकार हुई 80 साल की बुजुर्ग महिला की मौत के बाद लखनऊ नगर निगम (एलएमसी) ने पिट बुल डॉग के मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की घोषणा की है. बता दें कि मंगलवार को हुई घटना के वक्त नारी शिक्षा निकेतन से रिटायर टीचर सविता त्रिपाठी घर में अकेली थीं, जिम ट्रेनर उनका बेटा अमित ट्रेनिंग सेशन के लिए बाहर गया था.
सविता की चीख-पुकार सुनकर पड़ोसियों ने अमित को खबर दी और उसे खून से लथपथ अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
पालतू लाइसेंस का कोई रिकॉर्ड नहीं मिलने के बाद एलएमसी अधिकारियों ने घटना की जांच के आदेश दिए थे. नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने कहा,
अमित लाइसेंस पेश नहीं कर सका और टीम के साथ बदतमीजी करता था, स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए बुधवार को लाइसेंस पेश करने की बात कहकर टीम उनके घर से लौटी. एलएमसी की टीम फिर उनके घर गई, लेकिन पड़ोसियों ने बताया कि परिवार कुत्तों को उसी घर में किराए पर रहने वाले लोगों के पास छोड़कर बाहर गए हैं.
लखनऊ नगर निगम के पशु कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. अरविंद राव ने कहा कि अगर मालिक कुत्तों के लिए पालतू लाइसेंस नहीं देता है कार्रवाई की जाएगी.
इस बीच, नगर निगम आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने लोगों को सलाह दी है कि वे अमेरिकी पिटबुल, रोटवीलर, साइबेरियन हस्की, डोबर्मन पिंसर और बॉक्सर जैसे कुत्तों की नस्लों का शिकार करने से बचें, क्योंकि वे क्रूर हो जाते हैं.
उन्होंने कहा, कुत्ते को पालतू बनाने से पहले, हमें नस्ल की प्रकृति और पर्यावरण पर विचार करना चाहिए, जहां वे रहते हैं. विदेशी शिकार नस्लों को हमारे पर्यावरण में समायोजित करना मुश्किल लगता है और हिंसक हो सकता है. इसलिए, उन्हें पालतू जानवर के रूप में नहीं रखा जाना चाहिए.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सविता के शरीर पर कई घाव
सविता के सिर, चेहरे, पेट और जांघ पर चार बड़े घाव थे. उनके पेट में 6 सेंटीमीटर गहरा घाव भी था. बताया जा रहा है कि सविता रोज अपने दोनों कुत्तों को अपने हाथों से खाना खिलाती थीं. उस दिन भी वो सुबह 5 बजे छत पर अपने डॉग को टहला रही थीं, तभी उसने उन पर अटैक कर दिया और उनको इतनी बुरी तरह से घायल किया कि उनको बचाया नहीं जा सका.
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