श्रम कानून में छूट से मजदूर हितों की अनदेखी नहीं होगी, ये बात मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने क्विंट से खास बातचीत में कही है. क्विंट के एडिटोरियल डारेक्टर संजय पुगलिया से एक इंटरव्यू में शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि “देश और मध्य प्रदेश कोरोना की चुनौती से गुजर रहा है. ये चुनौती हमारे सामने कई समस्याएं लेकर आया है. इसमें एक पक्ष इलाज और चिकित्सा की व्यवस्था है वहीं दूसरा पक्ष रोजगार सृजन का है जिससे की मजदूरों और नौजवानों को रोजगार दे सकें. हमने फैसला किया कि हम इस चुनौती को अवसर में बदलेंगे इसलिए हमने श्रम कानून में सुधार करने का फैसला किया.”
श्रम कानून में बदलाव से मजदूरों की सुरक्षा कम होने की बात कही जा रही इस सवाल पर सीएम शिवराज सिंह ने कहा,
सुरक्षा से संबंधित जितने भी उपाय थे जितनी भी व्यवस्था थी उन्हें बदला नहीं गया है. हम सुरक्षा से कोई भी समझौता नहीं करेंगे. हमने उन नियमों को बदला है जिसमें कारखाने को लाइसेंस के लिए चक्कर लगाने पड़ते थे अब हमने एक दिन में देने का प्रावधान किया है. लेबर इंस्पेक्टर जरा-जरा सी बात पर फैक्ट्री के मालिक को तंग करते थे मजदूरों को परेशान किया जाता था और छोटे उद्योगपति भी परेशानी के कारण इन्वेस्टमेंट से भागते थे. इसलिए हमने उनकी सुरक्षा के लिए इसमें बदलाव करने का फैसला लिया है.शिवराज सिंह चौहान
श्रम कानून में रोजगार सृजन की बात तो कही गई है और वेतन भी बढ़ने की बात कही गई. लेकिन इसमें मिनिमम वेज का क्या प्रावधान है जिससे की सैलरी कम न हो. इस सवाल पर सीएम शिवराज ने कहा,
हम मिनिमम वेज सुनिश्चित करेंगे. ये मिनिमम वेज आपको देना ही होगा. इससे उनके हितों की सुरक्षा की जाएगी. हमने अब कैलेंडर वर्ष के बजाए ठेका अवधि का प्रावधान किया है अब उन्हें हर साल लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं होगी. और मिनिमम वेज भी सुनिश्चित कर दिया जाएगा.शिवराज सिंह चौहान
सीएम शिवराज ने बताया कि, “इस कानून को लागू करने के लिए हमारी पूरी तैयारी हो चुकी है. लेकिन कुछ परिवर्तन ऐसे थे जिसे हमें भारत सरकार के पास भेजना था इसलिए हमने भारत सरकार के पास भेज दिया है.जैसे हमने एक फैसला लिया है कि, 1000 दिन तक अगर नए उद्योग आते हैं तो मिनिमम वेज सुनिश्चित करते हुए लेबर लॉ के कानून का प्रावधान लागू नहीं होंगे. अब राज्य सरकार तीन महीने तक के लिए बढ़ा सकती है बाकी अनुमति हमें भारत सरकार से लेनी होगी.”
कुछ इंडस्ट्री इस नए कानून और अभी के माहौल को देखते हुए यूनिट को बंद करने की सोच रहे हैं तो ऐसे में इंडस्ट्री मध्य प्रदेश की ओर क्यों देखें. इस सवाल पर शिवराज ने कहा,
वो मध्य प्रदेश की ओर इसलिए देखें क्योंकि यहां हमने निवेश के लिए वातावरण बनाया है. मैं जानता हूं कि लॉकडाउन है, कोरोना के केस अभी बढ़ रहे हैं. इसिलए अब हम अपनी लाइफ स्टाइल बदलें और कोरोना के साथ जीना सीखें. कोई इस बात को नहीं कह सकता है कि ये कब खत्म होगा. हालांकि वैक्सीन की तैयारी वैज्ञानिक कर रहे हैं वह आएगी लेकिन हमें एहतियात बरतते हुए काम करना होगा. आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाना होगा वरना कोरोना से कम परेशानी होगी और रोजगार से ज्यादा परेशानी होगी. इसलिए हम ऐसा वातावरण बना रहे हैं जिससे कि लोग निवेश करें. और मुझे विश्वास है कि हमें सफलता मिलेगी.शिवराज सिंह चौहान
किसान अपने ही दरवाजे पर अपनी उपज बेच पाएं लेकिन लॉकडाउन में इसका अमल काफी चैलेंजिंग होगा ऐसे में सरकार की योजनाओं का किसान पर क्या फर्क पड़ा है. इस सवाल के जवाब में शिवराज सिंह ने कहा,
“कोरोना संकट को देखते हुए हमने मंडियों को बंद कर दिया था. क्योंकि भीड़ से संक्रमण फैलने का खतरा था. इसलिए हमने एक प्रयोग किया कि उस समय हम व्यापारी को अनुमति दे रहे थे कि वह किसान के दरवाजे पर जाएं और दोनों आपस में बात कर किसान अपना अनाज बेच लें. इसका फायदा प्रदेश के किसानों को हुआ और 8 लाख व्यापारियों और किसानों के बीच समझौता हुआ. व्यापारी ने किसान के घर से अनाज खरीद लिए हैं. वहीं, हमने किसानों को व्यापक विकल्प देने के लिए मंडी को भी खोले रखा और व्यपारियों को एक लाइसेंस जारी किया जिससे वह मध्य प्रदेश में किसानों के घर या मंडी कही से भी माल खरीद सकते हैं. इससे प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी और किसानों को रेट भी अच्छे मिलेंगे.”शिवराज सिंह चौहान
इंटरव्यू के दौरान सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि, कोरोना संकट के दौर में हमें छूट के लिए संतुलन बनाकर चलना होगा. क्योंकि, 'सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी' जैसी स्थिति है. इसलिए लॉकडाउन और छूट के बीच किसी एक को चुनाव करना तलवार की धार पर चलने जैसा है. हम सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए रेड जोन, ऑरेंज जोन और ग्रीन जोन में छूट दे रहे हैं. रेड जोन में तत्काल हमने किसी तरह की छूट नहीं दी है. पूरा इंटरव्यू आप ऊपर वीडियो में देख सकते हैं.
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