मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के गुना में एक मिशनरी स्कूल में 7 साल के छात्र शिवांश जैन द्वारा 'भारत माता की जय' का नारा लगाने के बाद विवाद बढ़ गया है. इस मामले में छात्र पिता ने कहा कि मैंने इस मामले को इसलिए उठाया क्योंकि "मेरा बेटा परेशान था."
"मैं स्कूल प्रबंधन से बात करने गया था. मेरा बच्चा परेशान था क्योंकि उसे फर्श पर बैठाया गया था, और मैं इस मामले को उठाना चाहता था. लेकिन बात बढ़ गई और कई (राजनीतिक) पार्टी के लोग इसमें शामिल हो गए. एफआईआर दर्ज करने का बहुत दबाव था."रोहित जैन, शिवांश के पिता
क्या हुआ था?: शिवांश ने बुधवार, 2 नवंबर को आरोप लगाया कि स्कूल में प्रार्थना के दौरान राष्ट्रगान के बाद 'भारत माता की जय' के नारे लगाने के उसे 'दंडित' किया गया. अगले दिन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्यों ने शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर स्कूल के बाहर धरना दिया.
इसके बाद क्या हुआ?: अभिभावकों की शिकायत पर गुना पुलिस ने दो शिक्षकों के खिलाफ किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 75 (प्रभारी व्यक्ति द्वारा बच्चे पर हमला) और धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और भारतीय दंड संहिता की धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत FIR दर्ज किया है.
छात्र ने क्या कहा?: शिवांश ने मीडिया को बताया, "राष्ट्रगान खत्म होने के बाद मैंने 'भारत माता की जय' का नारा लगाया. इसके बाद एक टीचर ने मेरा कॉलर पकड़ लिया. वहीं मेरे एक दूसरे टीचर मुझे क्लास टीचर के पास लेकर गए और कहा- 'स्कूल में ऐसा नहीं करो. अपने घर पर करो'."
छात्र का आरोप है कि उसे सजा के तौर पर फर्श पर बैठने के लिए कहा गया था.
क्राइस्ट स्कूल, जहां यह विवाद सामने आया है, वहां राष्ट्रगान के बाद या सुबह की सभा के दौरान कभी भी इस तरह के नारे लगाने की कोई प्रथा नहीं है. लड़के को भी इस बात की जानकारी है.
छात्र ने क्यों नारा लगाया? शिवांश का कहना है कि उसने बस ऐसे ही नारा लगाया था.
40 वर्षीय रोहित जैन ने कहा, "जब मैंने उससे बात की, तो मुझे पता चला कि उसे 'भारत माता की जय' कहने के लिए डांटा गया था और फिर उसे फर्श पर बैठाया गया था. मुझे पता है कि यह एक आम प्रथा नहीं है, लेकिन 'भारत माता की जय' बोलना पाप भी नहीं है. इसके बाद मैंने शिक्षकों से बात करने का फैसला किया. मैं उसी दिन उनसे मिलने गया था."
हालांकि, पिता का विरोध प्रदर्शन करने का इरादा नहीं था.
"मैंने उसके क्लास टीचर से बात की जिन्होंने मुझसे माफी मांगी. लेकिन मैं उस प्रिंसिपल और टीचर से मिलना चाहता था जिन्होंने उसे सजा दी थी. मैंने अगले दिन फिर से उसके स्कूल जाने का फैसला किया. इस बीच, मैंने अपने कुछ दोस्तों के साथ इस मामले पर चर्चा की और किसी तरह बात फैल गई. अगली सुबह, इससे पहले कि मैं स्कूल जा पाता, मुझे लोगों के फोन आने लगे कि इस मुद्दे पर स्कूल में विरोध चल रहा है."
गुना के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट वीरेंद्र सिंह बघेल ने पुष्टि की कि अभिभावकों की शिकायत के आधार पर दो शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
स्कूल का क्या कहना है?: विरोध के मद्देनजर स्कूल के प्रिंसिपल थॉमस क्यूरियन ने मीडिया को बताया कि नारा "एक मजाक के रूप में लगाया गया था, न कि देशभक्ति के लिए."
छात्र को कथित रूप से दंडित करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाले माता-पिता के बारे में पूछे जाने पर प्रिंसिपल ने कहा कि इस पर निर्णय लेने के लिए अनुशासन समिति की बैठक बुलाई जाएगी.
वहीं इस मामले में स्कूल ने आधिकारिक तौर पर माफी मांग ली है. स्कूल की ओर से जारी एक पत्र में कहा गया है कि स्कूल में राष्ट्रगान के बाद 'भारत माता की जय' का नारा लगाया जाएगा. इसके साथ ही कहा गया है कि छात्र को दंडित करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.
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