'जय जवान, जय किसान' का नारा 1965 में लाल बहादुर शास्त्री ने दिया था. इस नारे के 54 साल बाद और आजादी के लगभग 70 साल बाद विदर्भ के किसान आज भी खुदकुशी कर रहे हैं. साल दर साल सरकार महाराष्ट्र के विदर्भ के किसानों की समस्या दूर करने में असफल रही है. क्विंट ने महाराष्ट्र के विदर्भ के एक क्षेत्र अकोट के किसानों से बात की ये किसानों मोदी सरकार का 'रिपोर्ट कार्ड' दिया.
' ये सरकार फिर सत्ता में ना आए'
मोदी सरकार और प्रदेश सरकार के MSP और किसान कर्जमाफी को लेकर उठाये कदम से किसान नाराज हैं. किसानों ने क्विंट को बताया है कि वो कभी इतने परेशान नहीं हुए, जितने इस 5 साल में हुए हैं.
मोदी सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया है, उन्होंने जितने भी वादे किए उसको पूरा नहीं किया है. स्वामीनाथन कमिशन के तहत MSP लागू नहीं की गयी. हमारी फसलों का जो दाम पहले मिलता था वो और गिर चुका है. इन 5 सालों में किसानों की हालत ज्यादा खराब हुई है.मनोज खंडारे
'मोदी सरकार किसानों को 6 हजार रुपये की रिश्वत दे रही है'
इस साल के अंतरिम बजट में सरकार ने किसानों को सालाना 6 हजार रुपये देने की बात कही है. लेकिन किसानों का कहना है कि ये राशि बहुत कम है.
‘ये हिंदुस्तान के किसानों का सबसे बड़ा अपमान होगा, क्योंकि 2 हजार में क्या होता है. ये सभी जानते हैं 2 हजार रुपये कितना छोटा अमाउंट है. उस छोटे अमाउंट में वो किसानों को बहलाने की कोशिश कर रहे हैं और वापस वोट मांगने की कोशिश कर रहे हैं.’
'राहुल गांधी ने कर्ज माफी का वादा निभाया'
कांग्रेस ने राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में चुनाव जीता और कुछ ही घंटों में कर्ज माफी का ऐलान कर दिया ये कहते हुए कि 'हमने राहुल गांधी के किए वादे को पूरा किया है'
राहुल गांधी ने चुनाव रैली में जो शब्द दिए थे कि ‘जैसे ही हमारी सरकार बनेगी हम किसानों का कर्ज माफ कर देंगे’, उन्होंने अपनी बात पूरी की वो अभिनंदन के पात्र हैं. अगर आने वाले समय में भी कांग्रेस की सरकार आती है, तो किसानों के लिए अच्छा माहौल तैयार करके उनको कर्ज के दलदल से बाहर निकालने के लिए कुछ हल निकाल सकती है.स्थानीय किसान
विदर्भ में किसान क्यों कर रहे हैं खुदकुशी?
किसान कर्ज के चलते आत्महत्या करने को मजबूर हैं. उनका कहना है कि 'किसान अभी इतनी बुरी स्थिति में हैं कि उन्हें आत्महत्या के अलावा दूसरा रास्ता नहीं दिखता. ये बीजेपी सरकार की वजह से है'
मोदी सरकार ने किसान आत्महत्या कर रहे हैं तो उसके लिए कुछ नहीं किया. एक तरफ किसानों को खेती के लिए कर्ज दिया जाता है दूसरी तरफ बिजली मिलती नहीं है और पानी की समस्या भी है. एक किसान 100 रुपये रोज कमा पाता है और बैंक जाता है. आखिर में उसके पास कुछ नहीं बचता तो आत्महत्या के अलावा दूसरा रास्ता नहीं बचता.मुकेश नीचल
कांग्रेस की कर्जमाफी या बीजेपी का 6 हजार रुपये सालाना किसानों को देने वाला ट्रंप कार्ड 2019 चुनाव में किसको होगा फायदा? विदर्भ के किसान अपना जवाब वोट के रूप में देने को तैयार हैं.
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