"अब इसके बाद किसी को मेरी बेटी को बदनाम करने का हक नहीं”, ये कहना है उस मां का जिसकी बेटी को सरेआम परेशान किया गया, पीटा गया. भीड़ ने भी और उसके बाद पुलिस ने भी. लड़की का अपराध? बस यही कि वो अपने एक दोस्त से मिलने उसके घर पहुंच गई थी.
लड़का और लड़की दोनों, मेरठ के एक नर्सिंग कॉलेज में पढ़ते हैं. लड़की हिंदू है जबकि लड़का मुस्लिम. यही बात धर्म के कुछ ठेकेदारों को रास नहीं आई और विश्व हिंदू परिषद् के कुछ सदस्यों पर लड़की के साथ बदतमीजी का आरोप है.
कुछ दिन पहले एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें चार पुलिस वाले लड़की से गाली-गलौज करते नजर आ रहे हैं.
क्विंट ने हापुड़ पहुंचकर लड़की की मां से बात की. उन्होंने क्विंट को बताया:
दोनों बच्चे पढ़ रहे थे. एक और लड़की साथ थी जो बाद में बाजार चली गई. ये दोनों गेट खोलकर पढ़ रहे थे. इतनी देर में सबने आकर घेर लिया. लड़के को निकालकर पिटाई करने लगे. लड़की को दूसरे कमरे में कर दिया.लड़की की मां
भीड़ के हो-हंगामे के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और लड़का-लड़की को अलग-अलग वैन में लेकर चली गई. जब लड़की के मां-बाप उसे लेने पुलिस स्टेशन पहुंचे तो वहां भी वीएचपी के सदस्य मौजूद होने का आरोप है.
‘लड़के को फंसाना चाहती थी पुलिस’
हालांकि काफी बहस के बाद पुलिस ने लड़की को छोड़ तो दिया लेकिन मां-बाप के मुताबिक वो उस पर लड़के के खिलाफ केस दर्ज कराने को लेकर दबाव डालते रहे.
बात करके हमने पुलिसवालों से कहा कि हमारी लड़की को छोड़ दो. वो बोले- “रिपोर्ट करो”. हमने कहा- “हमें किसी के नाम रिपोर्ट नहीं करनी.” वो बोले- “मुसलमान का लड़का है, रिपोर्ट करनी पड़ेगी.” हमने कहा- “चाहे मुसलमान का हो या हिंदू का, साथ में पढ़ रहे हैं, बच्चे तो बच्चे हैं जब गलत नहीं किया तो उसकी रिपोर्ट क्यों करें. हमें नहीं करनी रिपोर्ट”लड़की की मां
लेकिन लड़की के परिवार ने लड़के पर केस दर्ज कराने से साफ इनकार कर दिया. लड़की की मां ने क्विंट हिंदी को बताया, “हमने मना कर दिया. इससे फर्क नहीं पड़ता कि वो हिंदू है या मुसलमान. वो एक छात्र है. जब उसने कुछ गलत नहीं किया तो रिपोर्ट क्यों दर्ज कराएं”
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