ADVERTISEMENTREMOVE AD

कोविड-19 मृतकों का सम्मान से अंतिम संस्कार करने वालों को सलाम

‘जब भी अंतिम संस्कार करते हैं, हम भी थोड़ा सा मरते हैं’

छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

देश में रोजाना कोरोना वायरस के केस बढ़ते जा रहे हैं और उसके साथ ही कई लोगों की जान भी जा रही है. सामूहिक अंतिम संस्कार का हाल देख बेंगलुरु में कुछ लोग आगे आए हैं ताकि कोविड-19 मृतकों को आखिरी विदाई सम्मान से मिले.

डीएक्ससी टेक के प्रोग्राम मैनेजर अजमत मोहम्मद का कहना है कि - 'हमारा काम अस्पताल से अंतिम संस्कार की जगह तक शवों को लाना है, कभी-कभी लोगों की कमी होने पर हम खुद ही अंतिम संस्कार करते करते हैं, ऐसा नहीं होने पर हम शव देते हैं और अगले अस्पताल की ओर बढ़ जाते हैं.

ये जरूरी है कि सबका अंतिम संस्कार सम्मान से हो चाहे कब्रिस्तान हो या फिर श्मशान घाट चाहे किसी जाति, धर्म का हो
अम्मार खान, मेडिकल राइटर  

लेकिन कोरोना संक्रमित लोगों को अंतिम संस्कार करने में बहुत जोखिम है, अगर किसी को भी संक्रमण हुआ तो इनका पूरा परिवार खतरे में आ सकता है.

मेडिकल राइटर अम्मार खान कहते हैं कि- मेरे पिता की उम्र 72 साल है, मां 68 साल की हैं, इसलिए गलती की कोई गुंजाइश नहीं है इसलिए जबसे मैंने ये काम शुरू किया है, मैं घर नहीं जा रहा हूं उनकी खातिर मैं उनसे दूर रहता हूं

घर जाने के बाद हम कुछ भी नहीं छूते, हम सीधे वॉशरूम जाते हैं, कपड़े निकालते हैं उन्हें डिटॉल वाले पानी में डालते हैं, फिर नहाते हैं, आजतक मैंने यही किया है.
वीरेश, अस्पताल प्रबंधक
ADVERTISEMENTREMOVE AD

अस्पताल प्रबंधक वीरेश कहते हैं कि 'एक 17 साल का लड़का था, जिसकी मौत अस्पताल में हुई थी, जब मैंने उनसे शव मांगा तो उन्होंने मुझे एक बैग थमा दिया, वो एक कचरा रखने वाला बैग था, प्लास्टिक का, मुझे नहीं पता कि मैंने कैसे उसे गाड़ी से श्मशान घाट पहुंचाया, मैं उस दिन को कभी भूल नहीं सकता.

बेंगलुरु में COVID-19 मृतकों का अंतिम संस्कार करने वाले इन लोगों का कहना है कि- ‘कोविड-19 से जंग में मृतकों का सम्मान से अंतिम संस्कार कर ये लोग अपना रोल अदा करते रहेंगे’

डीएक्ससी टेक के प्रोग्राम मैनेजर अजमत मोहम्मद कहते हैं- 'हमें लगता है कि किसी का दर्द अलग नहीं है, आप किसी को भी अपना खुदा कहें, दर्द तो एक जैसा ही होता है, हमें पता है कि हम सम्मान से अंतिम संस्कार के सिवा और कुछ नहीं दे सकते, लेकिन यही हमारा मकसद है, मर्सी एंजेल्स यही करते हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×